
जयपुर। बुधवार की शाम छह बजकर चार मिनट पर जैसे ही 'चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के साउथ पोल की सतह को छुआ, जयपुर समेत पूरे देश में लोगों की खुशियां और उम्मीदें भी उसके साथ चांद को छू आईं। पिंकसिटी में चंद्रयान ३ की लैंडिंग को लेकर उत्सव-सा माहौल था। घर के ड्रॉइंग रूम से लेकर मोहल्ले, बाजार, चौराहे, स्मारक, स्कूल और सरकारी कार्यालयों में भी लोग लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट देख रहे थे। सोशल मीडिया तिरंगे और चंद्रयान 3की तस्वीरों से भर गया। व्हॉट्सऐप स्टेटस से लेकर सोशल मीडिया रील्स और शॉट्र्स तक लैंडिंग की खुशी महसूस की जा सकती थी। वाहनों पर चलते हुए भी लोग ट्रैफिक के बीच अपने मोबाइल सेट पर लाइव टेलीकॉस्ट देख रहे थे। 'चंद्रयान 2 मिशन की विफलता से टूटे जयपुराइट्स के दिलों को इस सफलता ने मुस्कुराने का अवसर दे दिया।
30-31 किमी पर दिल धड़क उठा
बैंगलूरु के सतीश धवन स्पेस सेंटर के कमांड सेंटर में बने मीडिया सेंटर में लाइव टेलीकास्ट देख रहे शहर के साइंस कम्युनिकेटर तरुण के. जैन ने बताया कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग होते ही पूरा मीडिया सेंटर और कमांड सेंटर भारत माता की जय से गूंज उठा। उससे पहले माहौल में टेंशन के साथ ही रोमांच भी दिलों पर छाया हुआ था। सभी की धड़कनें लैंडिंग के समय तेज हो गई थीं। चांद की सतह से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रयान में हल्का सा ग्लिच हुआ और वह वापस 31 किमी की ऊंचाई पर आ गया। यह देख सभी की सांसें थम-सी गईं। आशंका से सभी की नजरें स्क्रीन पर जमी रहीं। कमांड सेंटर में भी वैज्ञानिकों के चेहरों पर चिंता साफ दिखाई दे रही थी। हालांकि, चंद सेंकड बाद ही चंद्रयान 3 वापस अपनी सामान्य रफ्तार से सतह की ओर उतरने लगा। जैसे ही लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हुआ पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया और लैंड होते ही 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी और कमांड सेंटर में भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा।
क्ले मॉडल से दिखाया चंद्रयान ३ की विजयगाथा
गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके शहर के मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने चंद्रयान-३ का एक खूबसूरत क्ले मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल में प्रजापति ने चंद्रयान को अंतरिक्ष से गुजरते हुए शनि, मंगल, बृहस्पति समेत अन्य ग्रहों को पार करते हुए दिखाया है। मॉडल में चंद्रयान चंद्रमा के बहुत करीब है। मॉडल में प्रजापति ने बारीकी से चंद्रमा के धरातल और उसकी सतह पर उभरे गहरे गड्ढों, सतह का रंग और ऊबड़-खाबड़ बनावट को भी दिखाया है। गौरतलब है कि प्रजापति इससे पहले 2 मिलिमीटर की लकड़ी की चम्मच बनाकर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा चुके हैं। उनकी यह किे्रएशन सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुई थी।
तारामडल में वर्चुअल रियलिटी में देखिए चांद तक सफर
स्टेच्यू सर्किल स्थित बिड़ला तारामंडल में जुलाई के पहले सप्ताह से इंसान के पहली बार चांद पर उतरने की ऐतिहासिक घटना को वर्चुअल रियलिटी हैडसेट के जरिये दिखाया जा रहा है। अमरीकी अंतरिक्ष यान अपोलो ११ में १६ जुलाई, १९६९ को पहली बार नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन बज्ज एल्ड्रिन जूनियर ने चांद पर कदम रखे। तारामंडल में ११ मिनट की डॉक्यूमेंट्री में दर्शकों को वर्चुअल हैडसेट पहनने के बाद अपोलो ११ में होने, चांद पर उतरने और वहां की सतह को आभासी रूप से महसूस करने का अमेजिंग अनुभव होता है। बच्चों को यह एक्सपेरिमेंट काफी पसंद आ रहा है। यहां दो वीआर हैडसेट हैं। ५० रुपए की टिकट पर दर्शक तारामंडल में बैठे-बैठे चांद की सैर कर सकते हैं। वहीं प्लेनोटोरियम के बाहर २२ फीट ऊंचा हाइड्रोलिक टी-रैक्स डायनोसोर भी आकर्षण का केन्द्र है। इसकी मूवमेंट्स और आवाज बच्चों को रोमांचित कर देती हैं।
Published on:
24 Aug 2023 01:27 pm
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