
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक के निर्णयों में फेरबदल के मामले में राज्यपाल कलराज मिश्र ने जांच समिति का गठन किया है। कमेटी पंडित दीनदयाल यूनिवर्सिटी के कुलपति भागीरथ सिंह, जोधपुर जयनारायण व्यास विवि के पूर्व कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार को शामिल किया है। कमेटी पांच दिन में मामले की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपेगी।
वहीं, दूसरी ओर राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति का आठ सितंबर को कार्यकाल पूरा हो रहा है।
बता दें कि 28 जून 2023 को यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की बैठक आयोजित की गई थी। सिंडिकेट के मिनिट्स में बदलाव करने को लेकर कुलपति ने नोटशीट चलाई थी। इसका विश्वविद्यालय के एफए और कार्यवाहक रजिस्ट्रार रामसुख जाटोलिया ने विरोध कर दिया था। जाटोलिया ने संशोधन को नियम विरूद्ध बताया। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी ने बेवसाइट से मिनिट्स भी हटवा दिए थे। राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से इस मामले को प्रकाशित किया था। इसके बाद राज्यपाल को इस प्रकरण भी शिकायत की भी पहुंची थी।
इन मुद्दों पर हुआ था विवाद
--सिंडिकेट बैठक में निर्णय हुआ कि 2018 रेेगुलेशन को यूजीसी और राज्य सरकार के निर्देशों के तहत पारित किया गया। लेकिन कुलपति ने एकेडमिक कौसिंल की बैठक के निर्णय के अनुसार पारित करने के आदेश दिए। इसीप्रकार छह रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर को असिस्टेंट प्रोफेसर पर पदोन्नति के बाद परिलाभ देने का मामले में हुए निर्णय को बदलने सहित अन्य दो मामलों में विरोध दर्ज करवाया गया है।
कुलपति की राज्यपाल से शिकायत
कार्यकाल पूरा हाेने के दो दिन पहले तक कुलपति विवादों में बने हुए हैं। होमसाइंस विभाग की विभागाध्यक्ष सुनीता अग्रवाल ने राज्यपाल को कुलपति के खिलाफ शिकायत पत्र भेजी है। पत्र में बताया है कि कुलपति राजीव जैन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। नियमानुसार वे कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। लेकिन देखने में आ रहा है कि वरिष्ठता का उलंघन करते हुए कुलपति डीन, प्रिंसिपल और सिंडिकेट सदस्य की नियुक्ति करने की तैयारी कर रहे हैं। यह नियम विरूद्ध है। अग्रवाल ने राज्यपाल से कुलपति को नीतिगत निर्णय नहीं लेने के आदेश जारी करने की मांग की है।
Published on:
07 Sept 2023 01:22 pm
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