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केंद्रीय पुस्तकालय का समय बदला लेकिन व्यवस्थाएं नहीं,सुविधाओं को तरस रहे विद्यार्थी

समय बदलने के साथ विश्वविद्यालय ने सख्ती बढ़ी,लेकिन ना पीने को ठंडा पानी,ना बैठने की व्यवस्था

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Changing the time of the central library but not the arrangements,

library demo pic

जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का खुलने का समय विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब 24 घंटे से घटा कर 19 घंटे कर दिया। विश्वविद्यालय ने अव्यवस्थाओं को हवाला देते हुए विद्यार्थियों के भारी विरोध के बाद भी समय तो बदल दिया लेकिन विश्विविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी की व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं किया। जिस कारण से विद्यार्थी आज भी विश्वविद्यालय प्रशासन की बेरूखी का शिकार है। केंद्रीय पुस्ताकलय की व्यवस्थांए आज भी जस की तस है। जहां पर विद्यार्थियों के लिए बैठने के लिए ना तो पर्याप्त जगह है और ना ही पीने के लिए ठंडा पानी। इसके साथ ही लाइब्रेरी का डक्ट बंद होने के कारण विद्यार्थियों को भीषण गर्मी में बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है। वह भी ऐसे में जब विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में बजट की कोई कमी नहीं है और रूसा,यूजीसी व अलग अलग मदों से लाइब्रेरी के लिए हर साल करोड़ों रूपए का बजट आता है। हालांकि इस लाइब्रेरी में किताबों की तो कमी नहीं है और कुल साढ़े पांच लाख से अधिक किताबें मौजूद है लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते विद्यार्थी परेशान हैं।
एक साल में बनना था लाइब्रेरी का नया भवन अभी तक नहीं बना
राजस्थान विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने की समस्या को देखते हुए लाइब्रेरी के नए भवन को एक साल में बनाकर पूरा किया जाना था। लेकिन 7 जुलाई 2016 को लाइब्रेरी के भवन का शिलान्यस होने के बाद भी इसका निर्माण जुलाई 2017 तक ही पूरा होना था लेकिन बजट के अभाव में यह लाइब्रेरी बनकर पूरी तरह तैयार नहीं हो सकीं है। वहीं लाइब्रेरी निर्माण में लगातार हो रही देरी के कारण अब इसका बजट भी बढ़कर 15 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है और अभी तक भी भवन में तीस प्रतिशत कार्य होने बाकी है। हालांकि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके कोठारी का भी कहना है कि वह निर्माण कार्य पूरा करने में करीब आठ माह लेट हो चुके है जिसके पीछे यूजीसी से बजट आने में देरी है। लेकिन विश्वविद्यालय की वर्तमान लाइब्रेरी भवन में विद्यार्थियों के बैठने की जगह कम पड़ रही है और प्रतियोगी परीक्षाओं व भर्तियां आने से लाइब्रेरी में भीड़ बढ़ गई है।राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी का समय में बदलाव के साथ ही सख्ती बढ़ा दी। नए समय पर खुली लाइब्रेरी में सुरक्षाकर्मियों ने फर्जी आईकार्ड के साथ पुस्तकालय में प्रवेश कर रहे सैकड़ों फर्जी छात्रों को पकड़ कर सौ से अधिक आईकार्ड जब्त किए है। इसके साथ ही लाइब्रेरी में सुरक्षा गार्डस की संख्या भी बढ़ाई गई है वहीं लाइब्रेरी संसाधनों के अभाव से जुझ रही है। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में करीब तीन साल पहले ढ़ाई करोड़ रूपए की लागत से लगाया गया आरएफआईडी सिस्टम धूल फांक रहा है।
यह कहना है विद्यार्थियों का
लाइब्रेरी में हवा देने के लिए डक्ट सिस्टम नहीं चलता है जिस कारण गर्मी में बैठकर पढ़ना पढ़ रहा है।
आदित्य प्रताप, छात्र
लाइब्रेरी में आरओ नहीं लगा है साथ ही वाटर कूलर भी कई दिनों से खराब है। कई बार शिकायत कर चुके है लेकिन विद्यार्थी गर्म और गंदा पानी पीने को मजबूर है।
देवेश यादव,छात्र
लाइब्रेरी में बैठने की व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। यहां भीड़ ज्यादा है और कूर्सी टेबल कम रह जाती है। ऐसे में नए लाइब्रेरी भवन नहीं बनने से भी परेशानी आ रही हैं।
दुष्यंत छात्र
विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी का समय में बदलाव के साथ ही सख्ती बढ़ा दी। सुरक्षाकर्मी बढ़ाए है और वह अब तक सौ से अधिक फर्जी आईकार्ड जब्त कर चुके हैं।
प्रो.एचएस पलसानिया,चीफ प्रोक्टर