
मां नागलक्ष्मी के साथ आर. प्रग्गनानंद
मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है
कोलकाता. शायर मुनव्वर राणा की ये पंक्तियां हाल ही विश्व शतरंज प्रतियोगिता (FIDE World Cup) के फाइनल तक पहुंचकर सुर्खियों में आए आर. प्रग्गनानंद पर फिट बैठती हैं। प्रग्गनानंद कहते हैं कि मेरी मां मेरे चेहरे के हाव-भाव और शारीरिक भाषा को पढकऱ बता सकती है कि बोर्ड पर मेरी स्थिति अच्छी है या खराब, जबकि वह शतरंज को ज्यादा पसंद नहीं करती। फाइनल में खेल के दौरान प्रग्गनानंद के पास खड़ी मां नागलक्ष्मी की फोटो भी वायरल हो रही है। कोलकाता में सोमवार को शतरंज प्रतियोगिता से पहले प्रग्गनानंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, मेरे कार्यक्रमों में उनका होना मेरे लिए और मेरी बहन के लिए सबसे बड़ा सपोर्ट रहता है। मां न केवल मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती हैं, बल्कि मेरे लिए भावनात्मक समर्थन का भी स्रोत हैं। मैं बयां नहीं कर सकता ही वह मेरे लिए कितनी अहमियत रखती हैं।
खाना पकाने का सामान साथ ले जाती हैं
प्रग्गनानंद ने बताया कि विश्वकप के दौरान लंबे समय तक खेल के दौरान उनका प्रबंधन नहीं होता तो मैं बेहतर नहीं कर पाता। खेल से पहले मुझे भारतीय खाना ही पसंद है, खासकर मेरी मां के हाथ का। इसलिए मैं जहां भी जाता हूं, वही मुझे खाना बनाकर खिलाती हैं। नागलक्ष्मी बेटे के विदेश दौरों पर अपने साथ खाना पकाने का सामान साथ ले जाती हैं। प्रग्गनानंद कहते हैं, उठने से सोने तक मेरी दिनचर्या का वह पूरा खयाल रखती हैं, मेरी नजरों से मेरी जरूरतों को समझ लेती हैं।
पीएम ने दिलाया घर जैसा अहसास
पिछले दिनों प्रग्गनानंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मिले। उन्होंने कहा, पीएम मोदी ने मुझे घर जैसा अहसास करवाया। उनसे बात करके बहुत मजा आया। उन्होंने मुझे कुछ सुझाव भी दिए। पीएम ने मेरी ट्रेनिंग, टूर्नामेंट से लेकर मेरी माता-पिता और उनकी नौकरी को लेकर बात की। जब भी मुझे उनसे मिलने का मौका मिलता है, मैं उनसे सीखने की कोशिश करता हूं।
Published on:
05 Sept 2023 01:09 am
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