
जयपुर। राजधानी में चाइनीज मांझे की वजह से मेट्रो ट्रेन की रफ्तार में कई बार ब्रेक लगे। मकर संक्रांति पर विद्युत लाइन में सबसे ज्यादा 14 बार ट्रिपिंग आईं। मेट्रो प्रशासन का दावा है कि यह दिक्कत चाइनीज और मेटेलिक मांझे के कारण हुई है। मेट्रो प्रशासन का कहना है कि राहत की बात यह है कि चाइनीज और धातु मिश्रित मांझे का उपयोग करने वाले लोगों के साथ कोई हादसा नहीं हुआ। जिस वक्त मेट्रो ट्रेन का संचालन होता है, उस समय बिजली के तारों में 25000 वोल्ट का करंट रहता है।
गत वर्ष की तुलना में कम आईं पतंग
इस बार 2000 हजार से अधिक पतंगें मेट्रो ट्रेन की विद्युत लाइन से उलझी, जो गत वर्ष की तुलना में आधी से भी कम हैं। पिछले साल पांच हजार पतंगें मेट्रो ट्रेन के ट्रेक पर आई थीं और 13 बार मेट्रो की विद्युत लाइन में ट्रिपिंग हुई थी।
...ताकि यात्रियों को न हो परेशानी
मेट्रो ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को सोमवार को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पिछली रात में मेट्रो प्रशासन ने व्यवस्था दुरुस्त कर दी। रात में 2000 से अधिक पतंगों और तारों में उलझे मांझे को प्रशिक्षित टीम ने हटाया। मेट्रो ट्रेन कॉरिडोर के दोनों ओर करीब 1500 घरों में जाकर मेट्रोकर्मियों ने पम्फलेट बांटे थे और लोगों से मेट्रो रेल मार्ग की ओर पतंगबाजी करने से बचने की बात कही थी।
पांच जनवरी से 14 जनवरी तक 21 बार 20 से 40 सेकेंड तक मेट्रो ट्रेन रुकी। वहीं नौ ट्रेनों की छतों पर बिजली की फ्लेशिंग के साथ नुकसान भी हुआ है।
-सीएस जीनगर, निदेशक परिचालन, जयपुर मेट्रो
Published on:
15 Jan 2018 09:53 pm
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