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कौनसे काम हो सकते हैं और किन पर रोक

मास्टर प्लान: सरकार पसोपेश में, धारीवाल के निकायो को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश

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jaipur

shanti dhariwal

जयपुर। हाईकोर्ट की ओर से जोनल प्लान बनाए बिना पट्टे जारी करने पर रोक लगाने के बाद सरकार पसोपेश है। शुक्रवार को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें धारीवाल ने साफ कर दिया कि हाईकोर्ट के आदेशों को लेकर निकायों को स्पष्टीकरण जारी किया जाए। इसमें यह साफ हो कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत कौनसे काम हो सकते हैं और किन कामों पर रोक है।
धारीवाल ने जोनल प्लान को लेकर लागू कानून को लेकर दिए निर्देश के मामले में विधिक राय लेने के लिए कहा। बैठक में अफसरों ने कहा कि मास्टर प्लान, सरकार की ओर से समय-समय पर जारी परिपत्र और संबंधित नगर नियोजक की राय के आधार पर नियमन किया जा सकता है। हालांकि, ऐसे नियमन भी कोर्ट आदेश के तहत ही होंगे।
जोनल प्लान: 12 अक्टूबर को अहम बैठक
जोनल प्लान को लेकर 12 अक्टूबर को यूडीएच सलाहकार जीएस संधू की अध्यक्षता में नगर नियोजन भवन में बैठक प्रस्तावित है। इसमें यूडीएच और स्वायत शासन विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाने पर चर्चा होगी। इसके आधार पर हाई कोर्ट के आदेश को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
यह है स्थिति...
प्रदेश में अभी 30 शहरों के 48 जोनल प्लान के ड्राफ्ट सार्वजनिक किए गए हैं, जिन पर आपत्ति—सुझाव आ रहे हैं। इनकी आपत्तियों का तय समय सीमा में निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा कुछ अन्य शहरों के 64 जोनल प्लान के ड्राफ्ट भी बनाए जा रहे हैं। इन पर काम तेज कर करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढाई जाएगी।

सुविधा क्षेत्र पर पहले ही यू टर्न
जहां सुविधा क्षेत्र नहीं है, वहो इस हाईकोर्ट के आदेश के कारण पट्टे नहीं दिए जा सकेंगे। इसको देखते हुए सुविधा क्षेत्र में शिथिलता पर प्रशासन पहले ही यू टर्न ले चुका है। पहले सरकार का सुविधा क्षेत्र के अभाव वाली कॉलोनी में सेस लेकर नियमन करने का प्लान था, जिसका आदेश बुधवार को सरकार ने वापस ले लिया। इससे अब सुविधा क्षेत्र की जगह की पूर्ति करना आवश्यक हो गया है। अब प्रशासन दुविधा में है कि कॉलोनी के 75 प्रतिशत भूखण्ड़ खाली होंगे, वहां तो भूखण्ड़ों का आकार घटाकर सुविधा क्षेत्र की जगह निकाली जा सकेगी। लेकिन जहां कॉलोनी पूरी बस गई, वहां सुविधा क्षेत्र के लिए जमीन कहां से लाई जाए।