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राजस्थान में किसी रणनीति के तहत सीएम भजनलाल ने किए तबादले, पीएम मोदी से निकला इतना बड़ा कनेक्शन

भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की शपथ 15 दिसम्बर को ली थी। इसके बाद से ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की चर्चा जोराें पर थी, लेकिन सीएम ब्यूरोक्रेसी के बदलाव में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रहे थे।

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अरविन्द सिंह शक्तावत
भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की शपथ 15 दिसम्बर को ली थी। इसके बाद से ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की चर्चा जोराें पर थी, लेकिन सीएम ब्यूरोक्रेसी के बदलाव में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रहे थे। उन पर कई तरह के दबाव भी आए। डिप्टी सीएम, मंत्री, विधायकों में थोड़ी बहुत नाराजगी भी अंदर ही अंदर थी, लेकिन अब सभी के समझ आ गया कि आखिर सीएम भजनलाल शर्मा ब्यूरोक्रेसी के बदलाव में जल्दबाजी क्यों नहीं कर रहे?

पीएम नरेन्द्र मोदी ने भाजपा कार्यालय में विधायकों से बातचीत में ब्यूरोक्रेसी में बदलाव पर ज्यादा फोकस रखा था और यह स्पष्ट कर दिया था कि बार-बार अधिकारी बदलने से कुछ नहीं होता। वे खुद भी इसके पक्ष में नहीं हैं। पीएम मोदी ने जैसे ही यह बात कही, वैसे ही ब्यूरोक्रेसी में बदलाव के लिए जो मंत्री-विधायक सीएम पर दबाव डाल रहे थे। उन्हें समझ आ गया कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र से सीएम भजनलाल शर्मा पहले से ही अवगत थे।

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सीएम अभी भी बड़े पदों पर तबादलों से पहले पूरी चर्चा कर निर्णय करना चाहते हैं, जिससे बार-बार तबादलों की स्थिति न बने और न ही मंत्री-अफसरों के बीच विवाद की खबरें सामने आएं। यहां तक कि सीएमओ में भी अफसर लगाने की जल्दबाजी नहीं की जा रही है। अभी तक जो आईएएस और आरएएस के स्थानान्तरण किए गए हैं। वे सिर्फ उन्हीं पदों पर हुए हैं, जो चुनाव और मतदाता सूची से जुड़े काम में लगे हुए हैं।

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