
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों से बेहद दुखी हैं। उन्होंने अपनी यह पीड़ा भी सार्वजनिक मंच से व्यक्त भी कर दी हैं। सीएम शर्मा ने आखिर कह ही दिया कि कुछ कर्मचारी व अधिकारी तो ऐसे हैं तो घड़ी देखकर ही काम करते हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री शर्मा शनिवार को राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् (आरएएस एसोसिएशन) के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। शर्मा ने कहा मैं कभी भेदभाव नहीं करता हूं।
पिछली सरकार में चलता था पसंद-नापसंद का खेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में अधिकारियों को लेकर पसंद और नापसंद बहुत चलता था, लेकिन मैं पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हूं। हमारी सरकार में किसी भी अधिकारी के साथ कोई भेदभाव और प्रताडऩा नहीं होगी, लेकिन जनता के साथ भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि कुछ तो ऐसे हैं जो घड़ी देखकर काम करते हैं।
जिलों के निर्माण पर निकला आक्रोश
पिछली सरकार में नए जिलों के गठन को लेकर सीएम शर्मा ने अपना आक्रोश भी खुलेआम व्यक्त कर डाला। सीएम शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलते हुए यहां तक कह डाला कि ’आपने तो अति कर दी, बिना सोचे-समझे जिले बना दिए।’ एक जिले को बनाने में कितना पैसा खर्च होता है, कितने संसाधन लगते हैं, क्या इस बारे में सोच विचार नहीं करना चाहिए था? ‘आप’ तो प्रदेश के मुखिया थे… आपको तो चिंतन करना चाहिए था।
सीएम ने सुनाई एक सच्ची कहानी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि मेरे पास एक बुजुर्ग दंपती मिलने आए। वो बड़े पद से रिटायर्ड हुए थे। बेटों ने उन्हें घर से निकाल दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने पांच मकान बनाए। एक बेटे ने दो मकान बेच दिए। दूसरे बेटे ने तीसरा मकान बेच दिया। चौथे में वो रहता है और पांचवा किराए पर दे रखा हैं। मैंने बुजुर्ग दंपती से पूछा कितना पैसा कमाया… ये उसी का फल है कि तुम्हें घर से निकाल दिया। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि जैसा करोगे वैसा ही भरोगे।
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Updated on:
22 Sept 2024 12:37 pm
Published on:
22 Sept 2024 12:35 pm
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