Jaipur Bomb Blast: राजधानी में सीरियल बम विस्फोट मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद हर कोई हैरान है। जांच में पुलिस की खामियों के चलते आरोपी बरी हो गए। परकोटा में हुए सीरियल विस्फोट के संबंध में 7 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें किसने अनुसंधान किया और किसको गिरफ्तार किया।
जयपुर. Jaipur Bomb Blast: राजधानी में सीरियल बम विस्फोट मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद हर कोई हैरान है। जांच में पुलिस की खामियों के चलते आरोपी बरी हो गए। परकोटा में हुए सीरियल विस्फोट के संबंध में 7 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें किसने अनुसंधान किया और किसको गिरफ्तार किया।
1.मुकदमा नंबर 117 से 120 तक 4 प्रकरण दर्ज: अनुसंधान अधिकारी जयसिंह बाद में एडिशनल एसपी उत्तर महेन्द्र चौधरी, अनुसंधान अधिकारी ने शाहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया, कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के आदेश 19 नवम्बर 2008 को किए गए। विशेष कोर्ट जयपुर बम ब्लास्ट ने बाद में शाहबाज को बरी कर दिया।
2.मुकदमा नंबर 117 से 120 तक 4 प्रकरण दर्ज : एटीएस के अनुसंधान अधिकारी एएसपी सत्येन्द्र सिंह राणावत ने मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी को गिरफ्तार किया। प्रकरण में 6 मार्च 2009 को चार्जशीट पेश करने के आदेश हुए, ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, होई कोर्ट ने बरी कर दिया।
3.मुकदमा नंबर 117 से 120 तक 4 प्रकरण दर्ज : एटीएस के अनुसंधान अधिकारी एएसपी सत्येन्द्र सिंह राणावत ने सैफुर्रहमान को गिरफ्तार किया। एक जुलाई, 2009 को कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के आदेश हुए। ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, होई कोर्ट ने बरी कर दिया।
4.मुकदमा नंबर 117 से 120 तक 4 प्रकरण दर्ज : एटीएस के अनुसंधान अधिकारी एएसपी सत्येन्द्र सिंह राणावत ने मोहम्मद सलमान को गिरफ्तार किया। प्रकरण में 16 फरवरी, 2011 को कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के आदेश हुए। ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, होई कोर्ट ने बरी कर दिया
माणक चौक थाने में सीरियल ब्लास्ट से संबंधित 3 प्रकरण दर्ज हुए
मुकदमा नंबर 130 से 132 तक 3 प्रकरण दर्ज : अनुसंधान अधिकारी एसआई भंवर सिंह, एएसपी उत्तर महेन्द्र चौधरी, एटीएस के एएसपी सत्येन्द्र सिंह, मुकदमा नंबर 130 में आरोपी शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी व सैफुर्रहमान को और मुकदमा नंबर 131 में मोहम्मद सलमान को गिरफ्तार किया। दोनों मुकदमों में 20 नवम्बर, 2008 को चार्जशीट पेश करने के आदेश हुए। जबकि मुकदमा नंबर 132 में सभी आरोपियों के खिलाफ 21 नवम्बर, 2008 को चार्जशीट पेश की। ट्रायल कोर्ट ने शाहबाज को बरी कर दिया था और अन्य सभी को फांसी की सजा सुनाई थी। अब हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया।