
जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने के विरोध में भले ही पूरे देश में कांग्रेस एकजुट होकर आंदोलन कर रही हो लेकिन राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी हावी है। कैबिनेट में मंत्री रामलाल जाट और हेमाराम चौधरी के बीच अब जमकर जुबानी जंग चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले रामलाल जाट ने जहां सचिन पायलट खेमे का नाम लिए बगैर इशारों ही इशारों में गंभीर आरोप लगाए थे तो वहीं सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने रामलाल जाट के बयान पर पलटवार कर किया।
इसके अलावा पायलट समर्थक पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी , कांग्रेस के प्रदेश पूर्व प्रदेश सचिव राजेश चौधरी और सुशील आसोपा ने सहित कई अन्य नेताओं ने भी रामलाल जाट के बयान पर पलटवार किया है। पायलट समर्थक नेताओं ने रामलाल जाट के उस बयान पर पलटवार किया था जिसमें रामलाल जाट ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में कुछ नेता हैं जो नहीं चाहते कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो।
जिस पर मंत्री हेमाराम चौधरी ने रामलाल जाट पलटवार करते हुए कहा था कि रामलाल जाट कौन होते हैं पार्टी में रखने वाले और नहीं रखने वाले। आज एकजुटता के साथ ही पार्टी को वापस सत्ता में आने की जरूरत है, उन्होंने कहा था कि रामलाल जाट के बयान से मुझे लगता है कि कांग्रेस को सिर्फ मंत्री रामलाल जाट वापस सत्ता में लेकर आएंगे बाकी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है। हेमाराम चौधरी ने कहा कि जब तक सब मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे सत्ता में वापसी संभव नहीं है।
हेमाराम चौधरी ने कहा था कि यह लोग चाह रहे हैं कि हम लोग कांग्रेस छोड़कर चले जाएं और फिर वही कांग्रेस के मालिक बने रहें न तो सचिन पायलट कांग्रेस छोड़कर जाने वाले और न ही हम, कांग्रेस हमारे खून में है। हेमाराम चौधरी ने कहा कि खाता की रामलाल जाट पहले भी मंत्री थे उन्हें क्यों हटाया गया उसका कोई तो कारण होगा वह हमें नसीहत देना बंद करें और खुद ही अपने बारे में सोचो ठीक ढंग से चलें।
यह कहा था रामलाल जाट ने
हाल ही में कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट सचिन पायलट कैंप का नाम लिए बगैर आरोप लगाए थे कि हमारी पार्टी में कुछ नेता है जो नहीं चाहते कि हम सत्ता में वापसी करें । जाट ने कहा था कि कुछ नेता हैं जिन्हें राजस्थान की भौगोलिक स्थिति का जरा सा भी ज्ञान नहीं है लेकिन कभी दिल्ली और कभी दूसरे स्टेट में बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इसलिए जीत जाती है क्योंकि भाजपा में अनुशासन है लेकिन हमारी पार्टी में अनुशासनहीनता चरम पर है।
भाजपा में अगर किसी का टिकट कट जाता है तो वह खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं करता है। पार्टी में कौन मुख्यमंत्री रहेगा कौन नहीं रहेगा इसका फैसला आलाकमान करता है और सबको आलाकमान का निर्णय मानना चाहिए लेकिन कुछ लोग आलाकमान का फैसला मानने के बजाए दबी जुबान में गुटबाजी करते हैं और कांग्रेस में ही देखने को मिल रहा है।
पार्टी हाईकमान के आदेश बेअसर
दरअसल प्रदेश में गहलोत सरकार गठन के बाद से ही लगातार दोनों खेमों के बीच लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा है। बीते साल 25 सितंबर को समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाने के बाद भी सचिन पायलट कैंप और गहलोत कैंप के नेताओं के बीच जमकर जुबानी जंग हुई थी जिसके बाद पार्टी हाईकमान को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने एक सर्कुलर जारी करके बयान बाजी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई की बात कही थी, जिसके बाद कुछ दिनों के लिए बयानबाजी थम गई थी लेकिन अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं फिर से बयानबाजी का दौर तेज हो गया है।
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Published on:
02 Apr 2023 10:47 am
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