
सांभरलेक (जयपुर). यहां स्थित तहसील कार्यालय पर लिखा नाम लोगों को असमंजस की स्थिति में डाल देता है, तहसील भवन पर 'तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभरलेक' लिखा है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग सोचने को मजूबर हो जाते हैं कि यह कस्बा फुलेरा है या सांभर। वहीं उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार वर्ष 1952 से यह तहसील कार्यालय लगातार सांभर में ही कार्यरत है। लेकिन कब इसके नाम के आगे फुलेरा कब जोड़ दिया गया इसका जवाब राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भी नहीं है। इस सम्बन्ध में सांभर अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों व अन्य लोगों ने कई बार प्रशासन से पत्र व्यवहार किया, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण सांभरलेक तहसील कार्यालय का नाम दुरुस्त नहीं हो पाया है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
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नया भवन बना, लेकिन नाम पुराना
सांभर में नए न्यायालय भवन के पास ही नए कार्यालय का निर्माण करवाया है और तहसील का कार्य उसमें संचालित है, लेकिन यहां पर भी नाम पुराना लिखा गया है, 'तहसील फुलेरा मुख्यालय सांभरलेक', जब राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर नया तहसील भवन बनवाया तो इसका नाम भी सही करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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नाम के लिए कलक्टर ने मांगा प्रस्ताव
तत्कालीन जिला कलक्टर नवीन महाजन के सांभर आगमन पर उनसे पूछा गया कि सांभर तहसील के नाम से पहले फुलेरा क्यों जोड़ा गया है तो उनका जवाब था कि उन्हें मालूम नहीं है इसकी जांच की जाएगी। इसके बाद जिला कलक्टर ने सांभर तहसीलदार को यह भी लिखा कि अगर तहसील फुलेरा के सम्बन्ध में कोई रिकार्ड हो तो उसे पेश करें अन्यथा नाम दुरुस्त करवाने के लिए जनता से प्रस्ताव लेकर उपखण्ड अधिकारी की अनुशंसा करवा कर नाम को दुरुस्त करने के लिए कलक्टर के पास प्रस्ताव भेजें। इधर, सांभर तहसीलदार से प्राप्त जानकारी के अनुसार सांभर तहसील कार्यालय में प्रथम बार पंजीयन 1 अप्रैल 1952 को किया गया था, जिसका रिकार्ड उपलब्ध है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसा कोई रिकार्ड उनके पास नहीं है जिससे यह जानकारी मिलती हो कि तहसील कार्यालय कभी फुलेरा में किराए के भवन में संचालित किया गया हो।
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बुर्जुगों को भी नहीं पता
इस सम्बन्ध में कई बुजुर्गों से बात करने पर उन्होंने बताया कि किस प्रकार तहसील का नाम सांभर पड़ा, यह पता नहीं है, लेकिन तहसील तो सांभर में ही देखी है। इसी प्रकार सांभर के बुजुर्ग लक्ष्मीनारायण जोशी का कहना है कि पुराने समय में कुछ अधिवक्ता फुलेरा से व कुछ जयपुर से यहां आया करते थे और ट्रेन फुलेरा में रुकती थी, इसलिए कुछ दिन के लिए तहसील कार्यालय फुलेरा किसी दुकान में भी संचालित हुआ था। हो सकता है उन्हीं दिनों में इसका नामकरण हो गया हो और तभी से यह नामकरण हो गया हो। जबकि दूसरी ओर तहसील प्रशासन यह जानकारी दे रहा है कि हमारे पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है कि यह कार्यालय फुलेरा संचालित हुआ हो।
Published on:
24 Nov 2017 06:03 pm
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