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बदल गया ‘इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना’ का नाम, राशि में भी हुई कटौती, जानें लेटेस्ट अपडेट

Rajasthan News: तीसरी बार फिर से योजना का नाम 'पद्माक्षी पुरस्कार योजना' किया गया है लेकिन इस बार सबसे बड़ा बदलाव पुरस्कार राशि में कटौती के रूप में सामने आया है। इसमें 15 से 25 हजार रुपए तक की बड़ी कटौती की गई है।

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फोटो: पत्रिका

Indira Priyadarshini Award: राजस्थान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना' एक बार फिर बदलाव के चलते सुर्खियों में है। यह योजना वर्ष 2010-11 में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गई थी। इसके तहत हर साल राज्य की करीब 1200 से 1300 मेधावी छात्राओं को नकद पुरस्कार दिया जाता था। यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिवस यानी 19 नवंबर को हर जिले में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से वितरित किए जाते थे।

नाम बदला और घट गई राशि

2017-18 में वसुंधरा राजे सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर 'पद्माक्षी पुरस्कार योजना' कर दिया था। इसके बाद 2019 में गहलोत सरकार ने दोबारा इसका पुराना नाम बहाल कर दिया। अब तीसरी बार फिर से योजना का नाम 'पद्माक्षी पुरस्कार' किया गया है लेकिन इस बार सबसे बड़ा बदलाव पुरस्कार राशि में कटौती के रूप में सामने आया है। इसमें 15 से 25 हजार रुपए तक की बड़ी कटौती की गई है।

नहीं मिलेगी स्कूटी

जारी आदेश के अनुसार अब यह बसंत पंचमी के अवसर पर वितरित किया जाएगा। साथ ही 8वीं की बालिकाओं को 25 हजार रुपए, 10वीं की बालिकाओं को 50 हजार रुपए और 12वीं की बालिकाओं को 75 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे। जबकि पहले 8वीं की बालिकाओं को 40 हजार रुपए, 10वीं की बालिकाओं को 75 हजार रुपए और 12वीं की बालिका को 1 लाख रुपए और स्कूटी दी जाती थी लेकिन अब स्कूटी देने की योजना को खत्म कर दिया है।

यहां देखें पात्रता

छात्रा को पुरस्कार प्राप्त करने के लिए 60% से अधिक अंक या 9 CGPA से ज्यादा आना जरूरी होगा। यह योजना सामान्य, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अल्पसंख्यक, बीपीएल और दिव्यांग छात्राओं के लिए लागू होगी। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 और 12वीं, संस्कृत शिक्षा विभाग की प्रवेशिका व वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाएं और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की विज्ञान वर्ग की 12वीं कक्षा की छात्राएं भी पात्र होंगी।

स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की छात्राओं को यह पुरस्कार तभी मिलेगा जब उन्होंने 9 CGPA से अधिक अंक हासिल किए हों। इस योजना का संचालन और समस्त व्यय राजस्थान बालिका शिक्षा फाउंडेशन द्वारा वहन किया जाएगा।