
जयपुर में जुटे एक लाख संविदाकर्मी, आईएएस पैटर्न को खत्म करने की मांग
जयपुर। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत एक लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मी नियमितीकरण किए जाने की मांग को लेकर एक जुट हो रहे हैं। अपनी मांग को लेकर इन संविदाकर्मियों का जयपुर में जुटना शुरू हो गया है और रैली के रूप में यह शहीद स्मारक की ओर बढ़ रहे हैं। बुधवार को यह कार्मिक शहीद स्मारक तक अधिकार पैदल मार्च निकालेंगे, यदि सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो यहीं महापड़ाव भी शुरू कर दिया जाएगा।
कार्मिकों ने कहा कि पिछले कई दिनों से वह सीएम, मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को ज्ञापन देकर नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने संविदाकर्मियों के अनुभव की गणना आईएएस चयन पैटर्न के आधार पर किए जाने का भी विरोध किया। संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के प्रदेश प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने कहा कि सरकार अनुभव की गणना वास्तविक रूप से 1.1 मानकर ही करे। सरकार अगर आईएएस पैटर्न में 3.1 का फार्मूला अपनाती है तो इससे मुश्किल से दस हजार संविदा कर्मियों का ही नियमितीकरण होगा बाकी एक लाख संविदा कर्मी नियमित होने से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार अपनी चुनावी घोषणा को पूरा करते हुए उन्हें नियमित करें।
राजस्थान सरकार के जनघोषणा पत्र 2018 में राजस्थान के समस्त विभागों में कार्यरत समस्त संविदा कार्मिकों को नियमित किया जाना का वादा किया था परन्तु सरकार द्वारा वादा खिलाफी की गई और संविदा कार्मिकों को नियमितीकरण नहीं किया। सरकार ने उन्हें राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 बना कर पांच साल के लिए फिर से संविदा पर रख लिया और पूर्व की सेवा अवधि अनुभव की गणना अन्य सेवा से आईएएस चयन पर अनुभव गणना वाले पैटर्न की तर्ज़ पर अनुभव की। जिससे कार्मिकों में रोष है। संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के उपाध्यक्ष अनवर खान ने बताया कि राजस्थान के अलावा पंजाब और उड़ीसा राज्य में भी ऐसे नियम बने थे किंतु उन राज्यों में संविदा कर्मियों का वास्तविक अनुभव माना गया था और नियमितीकरण भी किया गया है । हाल ही में उड़ीसा सरकार द्वारा 3 मार्च 2022 तथा 16 अक्टूबर 2022 को जारी नोटिफिकेशन द्वारा 57000 संविदा कर्मियों को और पंजाब राज्य विधानसभा में बिल नंबर 38 पीएलए 2021 द्वारा लगभग 25000 संविदा कर्मियों का वास्तविक अनुभव मान कर नियमितीकरण का लाभ दिया गया है ना कि आईएएस पैटर्न के आधार पर माना गया है। अगर वास्तविक रूप से देखा जाए तो सरकार द्वारा संविदा कर्मियों का वास्तविक अनुभव नहीं मानकर आईएएस पैटर्न की तर्ज पर अनुभव की गणना करती हैं लगभग 90: संविदा कार्मिक नियमितीकरण से वंचित हो जाएंगे उन्हें ना तो कोई मानदेय वृद्धि मिलेगी और ना ही कोई नियमित कर्मचारी वाली सुविधा मिलेगी।
Published on:
25 Apr 2023 01:55 pm
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