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चुनाव आयोग को जान की जोखिम देखते हुए कोर्ट में अर्जी लगानी चाहिए थी — पूर्व चुनाव आयुक्त

विकास जैन हर जगह की अलग परिस्थितियां होती हैं — पूर्व जस्टिसअप्रेल माह में यूपी में पंचायत चुनाव डयूटी में लगे 500 शिक्षकों की मौत आई थी सामने, प्रियंका गांधी ने टवीट कर बताया था इसे दुखद और डरावना

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जयपुर

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Vikas Jain

Aug 08, 2021

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Covid Second Wave Is Still, Increasing New Cases In 18 Districts Of Country: Ministry of Health

विकास जैन

जयपुर. कोविड—19 की तीसरी लहर की आशंका और दूसरी लहर में 18 हजार प्रतिदिन केस और 170 तक मौतें देख चुके राजस्थान के लोग फिर से चुनाव में जाने को मजबूर हैं। वहीं, अब पूर्व चुनाव आयुक्त और पूर्व जस्टिस ने 6 जिलों में पंचाय चुनावों की घोषणा पर कहा कि परिस्थतियों को देखते हुए चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जल्दबाजी करने के बजाय कोर्ट में जाकर मौजूदा परिस्थतियां रखनी चाहिए थी।

वहीं, इस बीच यह भी सामने आया कि पूर्व में उत्तरप्रदेश में हुए पंचायत चुनावों में भी चुनाव डयूटी में लगे 500 शिक्षकों की मौत की खबरें सामने आई थी। इसे लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी 29 अप्रेल को टवीट कर दुख जताते हुए लिखा था कि 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है। उन्होंने इनके परिवारों को 50 लाख रूपए मुआवजे और आश्रितों को नौकरी की मांग का समर्थन भी किया था।

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यह ठीक बात है कि संवैधानिक तौर पर कोर्ट के आदेशानुसार तय समय सीमा में चुनाव कराना ही होता है, लेकिन लोगों को जोखिम से बचाने के लिए आयोग के पास कोर्ट में जाने का विकल्प भी खुला था। अब सुप्रीम कोर्ट उस पर जो भी निर्णय देता, उसकी पालना हो जाती।
रामलुभाया, पूर्व चुनाव आयुक्त

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स्थिति हर जगह की अलग अलग हो सकती है। समय व परिस्थिति देखकर निर्णय होना चाहिए। यदि कोविड की पुनरावृति होने की आशंका है तो कोर्ट में अर्जी लगाई जा सकती है। अब कोविड का यह पता नहीं है कि वह आगे किस रूप में आएगा, उसका वैरिएंट किस तरह का होगा, कोई कहता है कम असर होगा, कोई कहता है अधिक असर होगा। दूसरी लहर तो डरावनी थी। इसलिए परिस्थितियों के अनुसार निर्णय होना चाहिए।
जस्टिस पानाचंद जैन