
देवेन्द्र सिंह राठौड़ / जयपुर। कोरोना के प्रकोप के बीच शहर में दूध पर संकट खड़ा हो गया है। एक ओर जहां डेयरी दूध की उपलब्धता और सप्लाई को लेकर दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर कई बूथों पर दूध की आपूर्ति ही नहीं हो रही। जिससे आम जन को इस संकट की घडी में निराश लौटना पडा है। स्थिति यह है कि, रोजाना डेढ से दो लाख लीटर दूध की आपूर्ति घट गई है। खासकर जहां कर्फ्यू लगा है, वहां कई जगह ऐसे हालात है। रविवार को परकोटे के कई इलाकों में सप्लाई प्रभावित रही है। ऐसा रोजाना हो रहा है। यह हालात कहीं न कहीं देखने को मिल रहे है।
एक डेयरी बूथ संचालक ने कहा कि डेयरी ने कर्फ्यू एरिया में छोटे बूथों पर दूध की सप्लाई बंद कर दी है। ऐसे में लोग पहले तो बाहर निकलने से डर रहे है, दूसरी ओर उन्हें भय की स्थिति में दूर जाकर दूध लाना पडता है। इसके साथ ही निजी दूध विक्रेता भी शहर में दूध बेचने के लिए आना बंद हो गए। इस स्थिति में डिमांड ज्यादा होनी चाहिए। ऐसे में खासकर चारदीवारी में स्थिति गडबडाई नजर आ रही है।
इसको लेकर डेयरी अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर पूरी व्यवस्थाए चल रही है। डेयरी में दूध की कमी नहीं है। इससे पूर्व हमारी सप्लाई व्यवस्थाए चल रही थी, कहीं कोई दिक्कत नहीं थी। ऐसे में इस संकटकाल में आम जन को राहत दिलवाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। बता दे, डेयरी को पहले साढे आठ लीटर दूध की प्रतिदिन तक सप्लाई हो रही थी, अब यह साढे छह से सात लाख लीटर प्रतिदिन पर अटक गई है।
नहीं मिल रहे छाछ-लस्सी
डेयरी बूथ संचालकों ने बताया कि इन दिनों डेयरी का फोकस दूध, दही और पनीर पर ही है। लेकिन छाछ, लस्सी समेत कई प्रोडक्ट की सप्लाई नहीं कर रहे है। जिससे मजबूरन लोगों को निराश लौटना पड रहा है।
शिकायतों की नहीं हो रही सुनवाई
पत्रिका पडताल में बूथ संचालकों ने बताया कि डेयरी ने जोन वार दूध की आपूर्ति दी जिम्मेदारी बांट दी, लेकिन शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
Published on:
29 Mar 2020 05:29 pm
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