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निगम की सम्पत्ति…पीटी सर्वे कर तारबंदी कराई, अब हो रहे अवैध निर्माण

उक्त जमीन की कीमत 25 से 30 करोड़ रुपए है। स्थानीय लोगों की मानें तो दो बीघा से अधिक जमीन पर तो कब्जे किए जा चुके हैं। शेष जमीन पर भी कब्जे का खेल चल रहा है।

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जयपुर. हैरिटेज निगम की बेशकीमती चार बीघा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। इसके बाद भी निगम इसको खाली नहीं करवा पा रहा है। मामला आमेर-हवामहल जोन के जयसिंहपुरा खोर का है। माना जा रहा है कि उक्त जमीन की कीमत 25 से 30 करोड़ रुपए है। स्थानीय लोगों की मानें तो दो बीघा से अधिक जमीन पर तो कब्जे किए जा चुके हैं। शेष जमीन पर भी कब्जे का खेल चल रहा है।

अब हैरिटेज निगम के उप विधि परामर्शी मनमोहन चूनवाल ने जोन उपायुक्त को पत्र लिखा है। इस पत्र में लिखा है कि विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई करें।
वर्ष 2022 में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस सरकारी जमीन से भूमाफिया के अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। लेकिन आज तक निगम ने सुनवाई नहीं की।

स्थानीय लोगों की मांग है कि इस जमीन को मुक्त कराकर यहां चिकित्सीय सुविधाएं विकसित की जाएं। इस मामले में जाेन उपायुक्त सीमा चौधरी से सम्पर्क किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।


साधारण सभा में भी उठाया था मुद्दा
पार्षद सुरेश सैनी ने कहा कि पिछली साधारण सभा की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अतिक्रमण हटवाने को लेकर मुख्यालय और जोन कार्यालय में कई शिकायतें दी हैं। उन्होंने कहा कि सात दिन में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो धरने पर बैठूंगा।


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