
Rajastan News: जेडीए के जोन चार में मिलीभगत से फर्जी पट्टे जारी हो गए। मामला खुला जो जेडीए ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज कराया है। मामला बी-टू बाइपास स्थित मेट्रो एन्क्लेव से जुड़ा है। यहां मिश्रित भू-उपयोग के भूखंड संख्या सी-1 और सी-2 के फर्जी पट्टे जारी किए गए हैं। इस पूरे प्रकरण में जेडीए में गार्ड रहे विनोद कुमार और अर्बन प्लान किशन सिंह रत्नू की भूमिका सामने आई है। हैरानी की बात यह है कि गार्ड सितम्बर में ही हटाया जा चुका है। इसके बाद भी अर्बन प्लानर ने सांठगांठ करके फर्जी पट्टा जारी कर दिया। अर्बन प्लानर अब जोन पांच में कार्यरत है।
जोन चार के अधिकारियों की मानें तो ये पट्टे बाजार में आ गए थे और इन दोनों भूखंडों को बेचने की तैयारी चल रही थी। ऐसे में जब जेडीए में एक व्यक्ति पूछताछ के लिए आया तो मामला खुल गया।
-मिश्रित भू-उपयोग के भूखंड संख्या सी-1 (651.46 वर्ग मीटर) और सी-2 (464.50 वर्ग मीटर) के पट्टे नौ अक्टूबर को डिस्पैच किए गए। 14 अक्टूबर को उप पंजीयन कार्यालय रामपुरा डाबड़ी में पंजीकृत भी करवा लिए।
-पट्टे जारी करने के दौरान मौजूदा जोन उपायुक्त, सहायक नगर नियोजक, कनिष्ठ अभियंता में से किसी के हस्ताक्षर न होकर अन्य के हस्ताक्षर पाए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।
-मिलीभगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जांच करने पर ऐसी कोई फाइल जोन में मिली ही नहीं जिसके जरिये पट्टे जारी हुए थे। गार्ड के बाद जब अरबन प्लानर से पूछताछ की गई तो वह फाइल तीन घंटे में ही ले आया।
Published on:
31 Oct 2024 09:00 am
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