
जयपुर। शाहपुरा में बिजली विभाग की लापरवाही के बाद अब सवाई माधोपुर में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते दंपती की मौत हो गई। चीखपुकार मचा रहे दंपती को परिवार के दो अन्य सदस्यों ने बचाने की कोशिश की तो वे दोनों भी गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को करीब पचास प्रतिशत झुलसी हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। हादसे के दो घंटे बाद तक भी बिजली विभाग से कोई कर्मचारी या अफसर मौके पर नहीं पहुंचा, इसके चलते लोगों में बिजली विभाग को लेकर रोष है।
मौके पर पहुंची मलारणा डूंगर पुलिस ने बताया कि तारणपुरा गांव में आज सवेरे एक महिला घर की किचन में काम कर रही रही थी। काम के दौरान किचन उपकरण का स्विच जैसे ही बिजली बोर्ड में लगाया गया। महिला उसी से चिपक गई। महिला के पति ने उसे छुड़ाने की कोशिश की, तो दोनों ही बिजली बोर्ड से चिपक गए और दोनों की मौत हो गई। दोनों के शरीर झुसल गए। परिवार की दो महिलाओं ने दोनों को बिजली सप्लाई से छुड़ाने की कोशिश की तो दोनों भी झुलस गईं।
कोटा-लालसोट रोड जाम किया
हादसे की सूचना आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। लेकिन उसके बाद भी तीन घंटे तक न बिजली विभाग का कोई कर्मचारी और न ही कोई जन प्रतिनिधि मौके पर पहुंचा। गुस्साए गांव वालों ने कोटा-लालसोट रोड जाम कर डाला। जब दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी तब जाकर पुलिस पहुंची और कार्रवाई की।
वहीं शाहपुरा के खातोलाई गांव में बीते मंगलवार हुए दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले 14 मृतकों के चिता की आग भी अब ठंडी होने को है, लेकिन राज्य सरकार अब तक कुंभकर्णी नींद सो रही है। सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच संभागीय आयुक्त से कराने की घोषणा कर दुर्घटना में हुई मौतों पर राजनीतिक रोटी सेकने की की कवायद की है। घटनास्थल से मात्र छह किमी दूर मिनी सचिवालय में संभागीय आयुक्त की टेबल तक सरकार के आदेश घटना के 48 घंटे बाद तक नहीं पहुंचे हैं।
जांच आदेश पहुंचने में हुई देरी के चलते अब घटनास्थल से हादसे के कारणों के सुबूत खुर्द-बुर्द होने की आशंका है। बीते मंगलवार को खातोलाई में हुए हादसे में मृतकों की अंत्येष्टि बुधवार को गमगीन माहौल में की गई। वहीं दूसरी तरफ मंगलवार शाम को राज्य सरकार की ओर से हाईपावर कमेटी गठित करने की घोषणा आननफानन में हुई और जांच संभागीय आयुक्त से कराने की बात उर्जा सचिव संजय मल्होत्रा ने भी कही। हैरत की बात है कि जांच करने के आदेश संभागीय आयुक्त को गुरुवार सुबह 10 बजे तक नहीं मिले। अब सवाल है कि आखिर सरकार घटना के कारणों की जांच कब शुरू कराएगी और जांच का हश्र क्या होगा।
बुधवार को विद्युत भवन मुख्यालय में प्रदेशभर के बिजली ट्रांसफार्मरों के रखरखाव और क्वालिटी कंट्रोल मुद्दे को लेकर हुई बैठक में आलाधिकारियों ने चर्चा भी की। वहीं दूसरी तरफ जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने तो बिजली संसाधनों के रखरखाव और उनकी गुणवत्ता को लेकर कार्ययोजना तैयार करने की कवायद भी शुरू कर दी है। लेकिन जयपुर डिस्कॉम की ओर से मेंटीनेंस को लेकर अब तक कार्ययोजना की तस्वीर अब तक साफ नहीं हो सकी है।
गौरतलब है कि मंगलवार को भैरूराम के ससुराल के लोग भात भरने आए थे। इनका स्वागत कर गीत गाते हुए महिलाएं घर के बाहर लगे शामियाना में जा रही थी कि रास्ते में लगा बिजली का थ्रीफेज ट्रांसफार्मर अचानक जल उठा और देखते ही देखते फट गया। ट्रांसफार्मर के फटने से उछले लोहे के टुकड़ों और गर्म तेल से वहां खड़ी महिलाएं, बच्चे बुरी तरह झुलस गए। पांच जनों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ ने सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।
Published on:
02 Nov 2017 01:15 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
