
Corona virus: केंद्र ने 6 राज्यों को जारी किया अलर्ट, शोधकर्ताओं ने किया बड़ा खुलासा
जयपुर। हाल ही WHO ने कहा कोरोना महामारी इस साल खत्म हो जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस ने कहा उन्हें उम्मीद है 2023 में कोरोनोवायरस महामारी समाप्त हो जाएगी, लेकिन इस बीच बड़ी खबर यह है तीन साल बाद भी कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। शोधकर्ताओं का ऐसा कहना है। स्टडी करने वालों का कहना है टीके प्रभावी हैं, लेकिन वायरस में आनुवंशिक बदलावों की निगरानी बेहद जरूरी है। शोधकर्ताओं का मानना है कि सभी देशों को वायरस के बदलावों पर गंभीरता से निगरानी रखनी चाहिए।
चिंता की बात तो यह है केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों को चिट्ठी लिखी है। मंत्रालय ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को चिट्ठी लिखकर कोरोना के प्रति सतर्क रहने को कहा है। मंत्रालय ने परीक्षण, ट्रैक, उपचार, टीकाकरण और कोरोना से लड़ने के अनुरूप व्यवहार की रणनीति का पालन करने को कहा है। इन राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में सरकार से फाइव फोल्ड स्ट्रैटेजी के तहत हालात पर नजर रखने और जरूरी उपाय करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.64 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। इसके बाद फिलहाल सभी राज्य निगरानी बढ़ा रहे हैं।
जापान के शोधार्थियों ने एक अध्ययन में दावा किया है कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप का उप स्वरूप एक्सबीबी.1.5 अत्यधिक संक्रामक है। यह उप स्वरूप काफी तेजी से प्रसारित होने की क्षमता रखता है। जापान की यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के प्रोफेसर केई सातो ने बताया, ओमिक्रॉन का एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप पिछले स्वरूप की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है और इसमें अगले स्वरूप को पैदा करने की क्षमता भी ज्यादा है। द लैंसेट इंफेक्शन डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के जरिये जापानी शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम हाल ही में नए एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप को चिह्नित करने में सफलता हासिल की है, जिसका पहली बार अक्टूबर 2022 में पता चला था। शोधकर्ताओं के अनुसार, एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन में नया म्यूटेशन है।
गौरतलब है 2019 के अंत में पहली बार कोरोना वायरस की पुष्टि चीनी शहर वुहान में हुई थी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कोरोना वायरस की उत्पत्ति रहस्य नहीं रहनी चाहिए। ताकि आने वाली महामारी से निपटा जा सके। WHO प्रमुख टेडरोस का यह भी कहना है, कोविड-19 की उत्पत्ति को समझना और सभी परिकल्पनाओं की खोज करना एक वैज्ञानिक अनिवार्यता है। कोविड से जान गंवाने वाले लाखों लोगों की खातिर और भविष्य में ऐसे प्रकोपों को रोकने के लिहाज से यह एक नैतिक अनिवार्यता है।
Updated on:
17 Mar 2023 01:13 pm
Published on:
17 Mar 2023 12:45 pm
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