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VIDEO: राजस्थान सरकार बैकफुट पर, प्रवर समिति को भेजा काले कानून का विवादित बिल, अपनों के ही निशाने पर रही सरकार

Criminal Laws (Rajasthan Amendment) Ordinance, 2017 विधायकों ने कहा सरकार वापस ले बिल, कटारिया-घनश्याम तिवाड़ी में हुई तीखी नोंक-झोक

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Criminal Laws Rajasthan Amendment Ordinance 2017

जयपुर।

भ्रष्ट लोकसेवकों को बचाने के लिए लाया गया दण्ड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक-2017 को चौरतरफा विरोध और विपक्ष के भारी हंगामे के बाद राज्य विधानसभा ने मंगलवार को प्रवर समिति को सौंप दिया। अब यह बिल संशोधन के साथ अगले सत्र (बजट सत्र) में आएगा।

प्रवर समिति गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में बनेगी और बिल में संधोशन को लेकर मंथन करेगी। हालांकि विपक्ष फिर भी शांत नहीं हुआ और विधेयक को काला कानून बताते हुए वापस लेने पर अड़ा रहा। ऐसे में विपक्षी सदस्य वैल में नारेबाजी करते रहे। जिससे प्रश्नकाल भी पूरा नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के साथ ही अध्यक्ष कैलाशचन्द्र मेघवाल ने प्रश्नकाल शुरू किया, वैसे ही विपक्षी सदस्यों और भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी संशोधन विधेयक के विरोध में आ गए और काला कानून बताते हुए इस वापस लेने की मांग की। तिवाड़ी ने बोलने की इजाजत आसन से मांगी लेकिन नहीं मिली और आसन ने गृहमंत्री को बिल पर बोलने के लिए कहा। इसस तिवाड़ी नाराज हो गए और जोर से बोलने लगे। इसी दौरान तिवाड़ी और गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया में तीखी नौंक-झौंक हो गई।

तिवाड़ी को आसन ने बोलने की इजाजत नहीं दी। इस बीच नेता प्रतिपक्ष रामेश्व डूडी ने भी इसे वापस लेने की मांग की। कटारिया ने कहा कि डेढ़ माह पहले बिल को लेकर ओर्डिनेंस लाया गया था, लेकिन पहले कोई नहीं बोला। अब इसकी याद आ रही है। इस पर तिवाड़ी और विपक्षी सदस्य वैल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। सभी ने बिल को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की।

गृहमंत्री कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिल को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस पर पुर्नविचार के लिए कहा है। इसको देखते हुए इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जा रहा है। समिति इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट विधानसभा के आगामी सत्र में पेश करेगी। हालांकि गृहमंत्री के इस वक्तव्य के बाद भी विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए और इसे काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग करते रहे। ऐसे में प्रश्नकाल पूरा नहीं हो सका और अध्यक्ष ने करीब आधा घंटे चली कार्यवाही के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


कटारिया बोले मेरे फेफड़ों में ज्यादा दम
गृहमंत्री कटारिया के बोलने के दौरान तिवाड़ी जोर से बोल रहे थे, तो कटारिया गुस्से में आ गए और तिवाड़ी से कहा कि मेरे फेफड़ों में भी बहुत दम है। मैं भी जोर से बोल सकता हूं। इस पर दोनों में काफी गर्मागर्मी हुई। सदन के बाहर तिवाड़ी ने कहा कि कटारिया पुलिस का रौब तेज बोलकर दिखा रहे हैं। गृहमंत्री धमकाने को नहीं, जनता की रक्षा के लिए होता है।

इनका कहना है
यह काला कानून है। प्रवर समिति को भेजना ही पर्याप्त नहीं है। इस विधेयक को सरकार तुरंत वापस ले।
- घनश्याम तिवाड़ी, वरिष्ठ विधायक, भाजपा


इस बिल को लेकर पहले ही सरकार को और मुख्यमंत्री को पहले चेता दिया था फिर भी यह बिल लाया गया।
- भवानी सिंह राजावत, विधायक, भाजपा


वकीलों ने जताया विरोध
विधेयक के खिलाफ आज वकीलों ने न्यायिक काम का बहिष्कार कर जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया। वकीलों ने संशोधन को असंवैधानिक बताने के साथ ही इसे न्यायिक काम में हस्तक्षेप बताया। वकीलों ने सरकार को संशोधन वापस लेने की मांग रखी। द डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने कहा किसी भी स्थिति में न्यायिक काम में हस्तक्षेप को मंजूर नहीं किया जा सकता है। सरकार भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों को बचा रही है। कानून वापस नहीं लेने पर वकील आंदोलन तेज करेंगे।