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स्वच्छता में फेल सरकार: कागजों में ओडीएफ, हकीकत में जा रहे खुले में शौच, ऐनवक्त पर आगे बढ़ाई ODF की डेडलाइन

पूरे देश में ODF का शोर है, ऐनवक्त पर एक महीना आगे बढ़ाई ओडीएफ की डेडलाइन, अब प्रदेश के निकायों को 31 जनवरी 2018 तक खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य

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जयपुर

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Rajesh

Dec 28, 2017

 ODF in papers reality is open to defecation Deadline of odf extended

जयपुर। राज्य सरकार ने 31 दिसम्बर 2017 तक प्रदेश के सभी 191 नगरीय निकायों को खुले में शौच मुक्त करने के बड़े—बड़े दावे किए थे। लेकिन सरकार अपने दावों को हकीकत में बदलने में नाकाम रही है। अब सरकार ने मान लिया है कि प्रदेश के निकायों को 31 दिसम्बर तक ओडीएफ घोषित करना संभव नहीं है, तो ऐनवक्त पर डैडलाइन को 31 दिसम्बर से बढ़ाकर 31 जनवरी 2018 कर दिया है।

दावा: अब तक 120 निकाय ओडीएफ स्वायत्त शासन विभाग के मुताबिक प्रदेश के 191 नगरीय निकायों में से अब तक 120 निकायों को खुले में शौच मुक्त किया जा चुका है। बाकी बचे 71 निकायों को 31 जनवरी 2018 तक ओडीएफ घोषित कर दिया जाएगा। जबकि स्वायत्त शासन विभाग बीते एक साल में 120 निकायों को ही ओडीएफ घोषित कर पाया है। इनमें से भी आधे निकायों को आनन-फानन में कागजी तौर पर ओडीएफ डिक्लेयर किया गया है। हकीकत में कुछेक को छोड़कर कोई भी निकाय पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त नहीं है।

केन्द्रीय टीम के निरीक्षण ने रोके कागजी घोड़े - सूत्रों की मानें तो स्वायत्त शासन विभाग ने 31 दिसम्बर तक आनन-फानन में भी सभी 191 निकायों को कागजी तौर पर ओडीएफ घोषित करने की तैयारी कर ली थी। अंदरखाने इसके लिए तैयारियां चल रही थी। लेकिन इसी बीच राज्य सरकार के ओडीएफ दावों को परखने के लिए केन्द्रीय मंत्रालय की टीम जयपुर आ गई। इस टीम ने गोपनीय तरीके से कई जगहों पर सार्वजनिक टॉयलेट्स की स्थिति देखी और लोगों का फीडबैक लिया। इससे जयपुर नगर निगम की कागजी तैयारियों की पोल खुल गई। केन्द्रीय टीम के निरीक्षण को देखकर स्वायत्त शासन विभाग ने ऐनवक्त पर रणनीति बदल दी और ओडीएफ करने की डैडलाइन एक महीने आगे तक बढ़ा दी।

जयपुर नहीं हो पाया ओडीएफ घोषित -

नगर निगम जयपुर का दावा है कि राजधानी के सभी 91 वार्डों को खुले में शौच मुक्त कर दिया गया है। सभी वार्डों के घरों और सार्वजनिक जगहों पर टॉयलेट बनवा दिए गए हैं। लेकिन हकीकत ये है कि निगम ने जो पब्लिक टॉयलेट बनवाए हैं, उनमें से ज्यादातर के ताले ही नहीं खुल पाए हैं। केन्द्रीय टीम के दौरे की संभावना को देखते हुए निगम आयुक्त ने हाल ही में कठपुतली नगर सहित अन्य जगहों पर बने सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति देखी थी। जिसमें ज्यादातर टॉयलेट्स पर ताले लगे हुए मिले थे।

आंकड़े दिखा रहे आईना -

स्वच्छता मिशन के तहत प्रदेश में करवाए गए सर्वे के अनुसार राज्य में 4.30 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया जाना है। जिसके तहत अब तक स्वच्छ भारत मिशन पोर्टल पर 4,20,718 आवेदन अपलोड कर दिए गए हैं। जिसमें से 3,29,268 आवेदनों को प्रमाणित कर 3,02,857 आवेदनों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। स्वच्छ भारत पोर्टल के मुताबिक कुल 2,81,000 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 903 सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों का कार्य पूर्ण हो चुका है। जबकि 45 का निर्माण चल रहा है। प्रदेश के निकायों को ओडीएफ बनाने के लिए 4.30 लाख टॉयलेट बनाने हैं, 3 साल में 2.81 लाख शौचालय ही बन पाए हैं। जबकि डेढ़ लाख बनना बाकी है।