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15 लाख रुपए में प्रश्नपत्र हल करवाने की डील, सेंटर संचालक व अभ्यर्थी गिरफ्तार

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की प्रोजेक्ट मैनेजर की ऑनलाइन परीक्षा में नकल का प्रयास 65,000 रुपए में किराए पर लिया था सेंटर

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जयपुर

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GAURAV JAIN

Sep 12, 2023

15 लाख रुपए में प्रश्नपत्र हल करवाने की डील, सेंटर संचालक व अभ्यर्थी गिरफ्तार

15 लाख रुपए में प्रश्नपत्र हल करवाने की डील, सेंटर संचालक व अभ्यर्थी गिरफ्तार

15 लाख रुपए में प्रश्नपत्र हल करवाने की डील, सेंटर संचालक व अभ्यर्थी गिरफ्तार

जयपुर. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट मैनेजर की ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने का प्रयास किया गया। इस संबंध में कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने करणी विहार थाना इलाके में अग्रिमा ऑनलाइन टेस्टिंग सेंटर के संचालक प्रदीप यादव और एक अभ्यर्थी चेतराम मीणा को गिरफ्तार किया है। प्रदीप यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ और चेतराम मीणा अलवर, रैणी का रहने वाला है। पुलिस ने परीक्षा सेंटर से डिवाइस लगे दो डेस्कटॉप बरामद किए हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि 10 सितंबर को दो पारियों में परीक्षा थी। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि इस परीक्षा में नकल करवाने की तैयारी चल रही है। सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रानू शर्मा के नेतृत्व में टीम ने परीक्षा के दौरान सेंटर की जांच की। इस दौरान दो डेस्कटॉप में नकल कराने वाला डिवाइस लगा मिला। पुलिस पूछताछ में आरोपी चेतराम मीणा ने बताया कि लोकेश मीणा के जरिए 15 लाख रुपए में प्रश्न पत्र हल करवाने की डील तय हुई थी। जिसमें 8 लाख रुपए प्रदीप यादव को दिए जाने थे। पहले भी प्रदीप यादव नकल मामले में गिरफ्तार हो चुका है।

हर किसी की तय थी ड्यूटी

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रानू शर्मा ने बताया कि परीक्षा के दौरान सेंटर में हर किसी की नकल कराने के लिए भूमिका तय थी। आईटी एक्सपर्ट साहिल ने डिवाइस लगे हुए डेस्कटॉप को परीक्षार्थियों तक पहुंचाया। इस डिवाइस की सहायता से प्रश्न पत्र कापी कर नकल गिरोह को भेजा जाना था। सेंटर में पर्यवेक्षक पवन यादव को संबंधित अभ्यर्थी की सीट के बारे में साहिल को बताना था। वहीं, प्रदीप के पार्टनर अमित यादव को चाय पिलाने के बहाने अभ्यर्थियों को उत्तर की पर्ची पहुंचाने का काम सौंपा गया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 65,000 रुपए में सेंटर किराए पर लिया गया था। मामले में सहायक उप निरीक्षक महिपाल सिंह और कांस्टेबल गिरधारी की अहम भूमिका रही।

बिना जांच के बनाया सेंटर
सी-डैक सॉफ्टवेयर के कारण कम्प्यूटर लॉक हो गया। इस कारण प्रश्नपत्र स्कैन नहीं हो सका और आरोपी नकल करने के उद्देश्य में सफल नहीं सके। पुलिस ने बताया कि बिना जांच-पड़ताल के सेंटर का निर्धारण किया गया। इसके चलते आरोपी नकल करने की फिराक में थे।