
हाईकोर्ट ने दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल ट्रस्ट को जमीन आवंटन से सम्बन्धित पत्रावली चोरी होने के मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी की याचिका को सारहीन मानते हुए खारिज कर दिया।
कोर्ट ने पुलिस द्वारा देवस्थान विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त वासुदेव शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज होने व ट्रस्ट प्रतिनिधियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं होने की रिपोर्ट पेश करने पर यह आदेश दिया।
न्यायाधीश प्रशान्त अग्रवाल ने मंगलवार को परनामी की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने वर्तमान परिस्थितियों में याचिका सारहीन मानते हुए खारिज कर दी और परनामी को भविष्य में आवश्यक होने पर पुन: याचिका दायर करने की छूट भी दी।
तथ्यों के अनुसार श्रीगंगानगर निवासी श्रीकृष्ण कुक्कड़ ने दीनदयाल ट्रस्ट से सम्बन्धित सरकारी पत्रावली गायब होने के मामले में 22 दिसम्बर 1999 को जयपुर महानगर की अदालत में इस्तगासा पेश किया। इसमें परनामी सहित 13 व्यक्तियों के खिलाफ को नामजद आरोपित बताया गया था और इसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई।
वर्ष 2010 में इस मामले में परनामी ओर से याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने सात जनवरी 2010 को परनामी के खिलाफ कोई दण्डात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए।
इस प्रकरण में पुलिस की अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से मंगलवार को इस मामले में हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई। इसमें कहा कि वर्ष 2011 में कुक्कड़ की याचिका पर हाईकोर्ट ने चार माह में अनुसंधान पूरा करने के निर्देश दिए, जिस पर पुलिस ने वासुदेव शर्मा के खिलाफ आरोप प्रमाणित मानते हुए रिपोर्ट दी है। इस मामले में शर्मा ने वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर 28 सितम्बर को सुनवाई होनी है।
Published on:
08 Jul 2015 04:01 am
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