
जयपुर। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजों के शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है। हाल ही में कुमावत महापंचायत के बाद रविवार को राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में माली महासंगम आयोजित हुआ। पारंपरिक परिधानों और गुलाबी झंडें थामे लोगों का जोश पूरी तरह से देखने लायक रहा। प्रदेश के तमाम जिलों के अलावा मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में माली-सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य समाज के लोग पहुंचे।
महासंगम की शुरुआत ज्योतिबा राव फूले को माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन से हुई। भीषण गर्मी में समाजजनों का उत्साह देखते ही नजर आया। मंगल गान गाते हुए महिलाएं यहां नजर आईं। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि माली-सैनी समाज सभी समाजों को साथ लेकर चलता है, महात्मा ज्योतिबा फूले ने भी दलित और पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए काम किया। मंच से वक्ताओं ने महात्मा ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फूले को भारत रत्न देने की मांग की।
ये रहे मंच पर मौजूद
माली महासंगम के मंच पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, भाजपा से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाहा, कांग्रेस के पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी, आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत, माली महासभा के प्रदेशाध्यक्ष छुट्टन लाल सैनी, अनुभव चंदेल, भूपेंद्र सैनी, भवानीशंकर माली, रोशन सैनी, राजरतन राजोरिया सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
ये रखी मुख्य मांगें
-सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली, भोई माली समाज को आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 12 प्रतिशत आरक्षण
- दोनों प्रमुख दलों में उचित प्रतिनिधित्व और 20-20 टिकट की मांग
-लोकसभा चुनाव में प्रदेश की किसी भी एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया जाए
-महात्मा ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फूले को भारत रत्न दिया जाए।
-नए संसद भवन में महात्मा ज्योतिबाराव फूले की मूर्ति स्थापित हो
-पांच सितंबर को सावित्री बाई फूले के नाम से शिक्षक दिवस मनाया जाए
-महात्मा ज्योतिबा और सावित्री बाई फूले के संघर्षमयी इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल हो
-महात्मा ज्योतिबाराव फूले बोर्ड की तरह कुशवाहा समाज लवकुश बोर्ड का गठन की मांग
- विभिन्न विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबाराव फूले दंपती के नाम से शोधपीठ के गठन की मांग
-सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग
-सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज के लोगों पर गैर कानूनी रूप से दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए
-संत शिरोमणि लिखमीदास के नाम से उनके जन्म स्थल अमरपुरा नागौर को पेनोरमा और धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाए
-केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
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Published on:
04 Jun 2023 09:28 pm
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