ईरा बोस का कहना है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2018 के लंबे अंतराल बाद आई है। जिसमें बीएड वाले छात्र लगातार 5 साल से तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है और वर्तमान में देश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी झेल रहा है जिससे शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है। इसके बावजूद भी अध्यापक भर्ती में पदों की संख्या संतोषजनक नहीं रखी गई। उन्होंने कहा कि कशाला दर्पण पर अध्यापक भर्ती के पद रिक्त भी चल रहे हैं, साथ ही लेवल-2 के जिन 6000 पदों में पहले कमी की गई थी उनमें से केवल 1500 पदों की ही बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया कि 4500 पदों में वृद्धि का वादा किया गया था, वो भी पूरा नहीं किया गया।
ईरा बोस ने कहा कि राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने और बेरोजगारों को राहत प्रदान करने के लिए अध्यापक भर्ती में 5 साल से लगातार तैयारी कर रहे छात्रों को राहत प्रदान करते हुए पदों की संख्या बढ़ाई जाए, अन्यथा अभ्यर्थी लगातार आंदोलन करेते रहेंगे।