जयपुर. मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के प्रकोप से बचाने के लिए राजधानी के दोनों नगर निगम व्यापक स्तर पर फॉगिंग करवा रहे हैं। दोनों ही नगर निगम प्रतिदिन छह-छह वार्डों में फॉगिंग करवा रहे हैं। एक बार सभी वार्डों में फॉगिंग होने के बाद फिर से फॉगिंग करवाई जाएगी। यानी एक बार फॉगिंग होने के बाद दूसरी बार 20 से 26 दिन में बारी आएगी। वहीं, वीवीआईपी की आवाजाही और शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग से टीमें गठित की गई हैं। औसतन 20 शिकायत रोज आ रही हैं।
लोगों को भेज करवाई जा रही फॉगिंग
परकोटे की संकरी गलियों में फॉगिंग करने में दिक्कत आ रही है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इन गलियों में लोगों को भेजकर फॉगिंग करवाई जा रही है।
ये संसाधन कर रहे काम
ग्रेटर निगम में छह नगर व्हीकल माउंटेन और आठ नगर पोर्टेबल मशीन के माध्यम से फॉगिंग करवाई जा रही है। इतने ही संसाधन हैरिटेज निगम में हैं।
हाईरिस्क एरिया पर विशेष फोकस
-कच्ची बस्तियों से लेकर द्रव्यवती नदी के बहाव क्षेत्र पर निगम का विशेष ध्यान है। यहां नियमित अंतराल पर फॉगिंग करवाई जा रही है।
लोग भी ये करें
-कूलर, परिंडा, फ्रिज की ट्रे आदि के पानी को नियमित रूप से खाली करते रहें
-नारियल के खोल, टूटे हुए बर्तन और टायरों में पानी जमा न होने दें
-घरों के दरवाजे और खिड़कियों में जाली और पर्दे लगाकर रखें
एक बार वार्डों में फॉगिंग होने के बाद फिर करवाई जाएगी। जहां से शिकायतें आती हैं, उनका निस्तारण तुरंत करवाया जा रहा है।
-रश्मि कांकरिया, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, ग्रेटर निगम