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मोबाइल टावर रेडिएशन पर फिर चेता दूरसंचार विभाग

जनता को जागरुकता के लिए कार्यक्रम, पर जनता को ही कम जोड़ा

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मोबाइल टावर रेडिएशन पर फिर चेता दूरसंचार विभाग

मोबाइल टावर रेडिएशन पर फिर चेता दूरसंचार विभाग

जयपुर। दूरसंचार विभाग राजस्थान की ओर से मंगलवार को ‘ईएमएफ रेडिएशन' पर जागरुकता वेबिनार का आयोजन किया गया। लोगों को मोबाइल टॉवर्स की जरूरत के बारे में जागरुक और मोबाइल टॉवर से नुकसानदायक रेडिएशन से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए संवाद किया गया। दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सकों के विशेषज्ञ पैनल ने वेबिनार में लोगों की जिज्ञासा को शांत किया। वेबिनार में सरकारी अधिकारी, आमजन, कॉलेज, फैकल्टी एवं विद्यार्थी, टेलीकॉम सेवा प्रदाता, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाता एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए। हालांकि, वर्चुअल माध्यम से 250 लोग ही जुड़े। राज्य में 6.62 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं।
डीओटी के वरिष्ठ उप निदेशक जनरल हर्वेश भाटिया ने कहा कि उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ सभी को सुगम मोबाइल कनेक्टिविटी देने के लिए मोबाइल टॉवर की संख्या बढ़ाना भी जरूरी है। उप निदेशक जनरल (कंपलायंस) सिद्धार्थ पोखरना ने टॉवरों से कम स्तर के इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड इमेनेशन की जानकारी दी। राकेश कुमार मीना, निदेशक (कंप्लायंस) ने बताया कि यहां ईएमएफ नियम डब्लूएचओ की सिफारिश के मुकाबले 10 गुना ज्यादा कठोर हैं। एलएसए स्थलों की नियमित ऑडिट करता है और स्थल के नज़दीक संभावित अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध ईएमएफ सिग्नल की जांच करता है। इस दौरान डॉ. अरुण चोगुले ने बताया कि राजस्थान में ईएमएफ एमिशन के बारे में कुछ आबादी के बीच फैली भ्रांतियों को दूर किया जाना जरूरी है। इन इलाकों के बीच टॉवर लगाने की अनुमति मिलनी चाहिए।