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उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का विधायक लोढ़ा पर पलटवार, विधानसभा को बना रहे कवच

उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधायक संयम लोढ़ा की ओर से पेश किए गए विशेषाधिकार हनन मामले पर पलटवार किया है।

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जयपुर

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Rahul Singh

Jan 22, 2023

jaipur

राजेन्द्र राठौड़

उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधायक संयम लोढ़ा की ओर से पेश किए गए विशेषाधिकार हनन मामले पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा हैं किे वे अब किस्सा कुर्सी में 91 विधायक के 110 दिन पुराने त्याग पत्र पर जन किरकिरी हुई तो विधानसभा को कवच के रूप में इस्तेमाल करने का ताना बाना बना रहे हैं। वे इसमें कामयाब नहीं होंगे। राठौड़ ने कहा कि विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव का मुकाबला करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि लोढ़ा अगर विधानसभा के नियम 157 जिसमें विशेषाधिकार का प्रस्ताव लेकर आए है, उसका अध्ययन कर लेते तो शायद यह गलती नहीं करते। उन्होंने कहा कि लोढ़ा को विधायकों के त्यागपत्र के प्रकरण जो न्यायालय में डेढ़ माह से विचाराधीन है, पर अब तो ध्यान आया। विधानसभा के नियम व प्रकिया के नियम 53 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हो उन पर सदन में विचार नहीं किया जा सकता।

यह भी पढें : कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा प्रकरण: विधायक संयम लोढ़ा ने दिया राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

ये कहा हैं प्रस्ताव में :
निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सौंपा है। सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से ठीक एक दिन पहले लोढ़ा की ओर से विधानसभा सचिव को यह प्रस्ताव पेश किया गया है। विधायक संयम लोढ़ा ने प्रस्ताव में कहा है कि उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस के 81 विधायकों के त्याग पत्र संबंधी मामले में 1 दिसंबर, 2022 को एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।

उन्होंने बताया कि विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 173 (2) के तहत यदि कोई सदस्य त्यागपत्र अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से देता है और उसे सूचित करता है कि त्याग पत्र स्वेच्छया और वास्तविक है और अध्यक्ष को उसके विपरीत कोई सूचना या ज्ञान नहीं है तो अध्यक्ष तुरंत त्याग पत्र स्वीकार कर सकते हैं। वहीं, भारत के संविधान के अनुच्छेद 190 (3) (ख) में कहा गया है कि ''यथास्थिति, अध्यक्ष या सभापति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपने स्थान का त्याग कर देता है और उसका त्याग पत्र यथास्थिति, अध्यक्ष या सभापति द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो ऐसा होने पर उसका स्थान रिक्त हो जाएगा।''

लोढ़ा ने प्रस्ताव में बताया कि अध्यक्ष के सामने विधायकों के त्याग पत्र संबंधी मामला विचाराधीन था। अध्यक्ष ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं दिया था। उसी दौरान उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। जो न केवल अध्यक्ष की अवमानना है, बल्कि विधानसभा के विशेषाधिकारों का हनन भी किया गया है। लोढ़ा ने बताया कि उन्होंने 24 जनवरी को सदन में इस मामले को उठाने के लिए अनुमति मांगी है।