जयपुर। जेडीए प्रवर्तन शाखा की कार्रवाई के बाद अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करने वाले लोगों में खौफ नहीं है। स्थिति यह है कि प्रवर्तन शाखा कार्रवाई के बाद चली जाती है और कुछ माह बाद अवैध रूप से कॉलोनी फिर से सृजित होने लगती है। कुछ कॉलोनियां तो कार्रवाई के बाद ज्यादा क्षेत्र में विकसित हो रही हैं।
दिल्ली रोड पर अप्रेल में हैरिटेज निगम ने कार्रवाई कर अवैध निर्माण हटाया था। बीते दिनों इसी हिस्से में फिर से निर्माण शुरू हो गया है। स्थानीय लोग निगम में शिकायत कर चुके, लेकिन कोई कार्रवाई के लिए नहीं आया। लोगों का कहना है कि जलमहल की पाल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने आरटीआइ लगाई तो निगम ने जानकारी देने से मना कर दिया।
सीकर रोड, चौमूं के पास बंजारा हिल्स के पीछे जेडीए ने इस वर्ष फरवरी में कार्रवाई की। उस समय यह कॉलोनी 20 बीघा में विकसित की जा रही थी। कार्रवाई के बाद कुछ दिन तक निर्माण बंद रहा। अब मौके पर बड़े प्रवेश द्वार से लेकर 100 फीट से अधिक चौड़ी सड़क तक विकसित की जा चुकी है। इतना ही नहीं, कॉलोनी भी 45 बीघा में विकसित की जा रही है।
जोन-12 के बैनाड़ में सात बीघा में वैशाली नगर नाम से अवैध कॉलोनी सृजित की जा रही है। वर्ष 2020 में दो बार जेडीए ने कार्रवाई की। इसके बाद निर्माण कार्य नहीं हुआ। अब मौके पर तेजी से मकान बनाए जा रहे हैं। अखेपुरा के ग्राम आकेड़ा डूंगर में भाव सागर बांध के तालाब पेटे में छह बीघा में अवैध कॉलोनी सृजित की जा रही है। फरवरी, 2021 में जेडीए प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई की। अब यहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है।
प्रवर्तन शाखा ने वर्ष 2024 में 383 और वर्ष 2025 में अब तक 220 से अधिक कॉलोनियां ध्वस्त की। दो वर्ष में प्रवर्तन शाखा 600 से अधिक कॉलोनियां ध्वस्त कर चुकी है।
Published on:
06 Jul 2025 09:19 am