
Dev Uthani Ekadashi 2023: शादी व चुनाव यानी डबल काम, होटल-मैरिज गार्डन सब बुक, राजस्थान के इस शहर में 2500 शादियां
जयपुर। कार्तिक शुक्ल एकादशी पर देवप्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी एकादशी) के साथ 23 नवंबर को फिर से शहनाइयों का सीजन शुरू हो रहा है। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होने से करीब 147 दिन के लंबे अंतराल के बाद फिर से शादी—ब्याह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे। विधानसभा चुनावों के बीच बड़ा सावा आने से राजधानी के मैरिज गार्डन, होटलें, रिसोट्र्स आदि सब बुक है। हलवाई—कैटरिंग वालों के पास डबल—डबल काम है। दो दिन जनता भी बे—बस रहेगी। बसों के लिए मारामारी रहेगी।
विवाह आयोजनों से जुड़े लोगों की मानें तो राजधानी जयपुर में देवउठनी एकादशी पर ढाई से तीन हजार शादियां हो रही है। इसे लेकर जयपुर के करीब 1500 से अधिक मैरिज गार्डन बुक है। वहीं होटले पहले से ही बुक हो चुकी है। अब चार दिन मैरिज गार्डनों में रौनक रहेगी। शहर में चुनावों तक उत्सवी माहौल बना हुआ है। सड़क पर बैंडबाजा और बारात फिर से रौनक बढ़ाएंगे। नाचते बाराती नजर आएंगे। इसके साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे।
147 दिन बाद मांगलिक कार्य शुरू
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर 29 जून को देव शयन हुए थे, इसके बाद ही मांगलिक कार्यों पर रोक लगी। अब 147 दिन अर्थात् 4 महीने 25 दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 23 नवम्बर को देवउठनी एकादशी पर विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो रहे है।
फूल भी महंगे
चुनावों के बीच देवउठनी एकादशी सावा होने से बाजार में अभी से फूलों की मारामारी शुरू हो गई है। बाजार में फूल व सब्जियां सब महंगे हो गए है। फूल मंडी में फूल दोगुने दामों में बिक रहे है। लाइट डेकोरेशन का भी खर्चा बढ़ गया है।
जिले में 5 हजार शादियां
ऑल वेडिंग इंस्डस्ट्रीज फैडरेशन राजस्थान महामंत्री भवानी शंकर माली ने बताया कि जयपुर जिले में 5 हजार से अधिक शादियां हो रही है। जबकि प्रदेश में 45 हजार से अधिक शादियां हो रही है। राजधानी जयपुर में ही ढाई हजार से अधिक विवाह के आयोजन हो रहे है। पिछली देवउठनी एकादशी से इस बार 25 से 30 प्रतिशत महंगाई की मार है।
दो गुने दाम में मिल रही बसें
ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर्स वैलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि जयपुर शहर में तीन हजार से अधिक शादियां है। चुनाव के बीच शादी होने से जयपुर में 1300 से अधिक मैरिज गार्डन बुक है, सब होटलें बुक है। हलवाई व कैटरिंग वालों के पास डबल—डबल काम है। बसें दोगुने दाम में नहीं मिल रही है।
Published on:
22 Nov 2023 11:33 am
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