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Good News: राजस्थान के इन शहरों में विकास को मिलेगी नई रफ्तार, 19 हजार करोड़ का प्लान तैयार; होंगे ये बड़े काम

Rajasthan News: राजधानी जयपुर सहित राज्य के अन्य शहरों के विकास को गति मिलेगी। इसके लिए 19 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। राजधानी जयपुर सहित राज्य के अन्य शहरों के विकास को गति मिलेगी। इसके लिए 19 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राजस्थान अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआइडीपी) के पांचवें चरण में राज्य के 296 शहरों में विकास कार्य होंगे। इस बजट से पेयजल आपूर्ति, वेस्ट वाटर मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, शहरी परिवहन को मजबूत किया जाएगा। इसमें मौजूदा वित्तीय वर्ष की बजट घोषणाओं को भी शामिल किया गया है।

आरयूआइडीपी के अधिकारियों की मानें तो इसमें राज्य सरकार करीब 13 हजार करोड़ रुपए का लोन लेगी। यह पैसा एशियन विकास बैंक और विश्व बैंक से मिलेगा। दोनों बैंको से ऋण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल गई है। शेष छह हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार अपने स्तर पर जुटाएगी।

वेस्ट वाटर मैनेजमेंट पर ऐसे होगा काम

वेस्ट वाटर का पुन: उपयोग करने की कवायद भी की जाएगी। अभी इस तरह का उपयोग बेहद सीमित है। आने वाले समय में दायरे को बढ़ाया जाएगा। प्लान पर गौर करें तो राज्य के 75 शहरों में सीवरेज नेटवर्क बढ़ाकर लोगों को सीवर कनेक्शन किए जाएंगे। इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुरा, कोटा से लेकर अलवर, भरतपुर, बांसवाड़ा, बारां, ब्यावर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़़, चूरू, धौलपुर, गंगापुर सिटी तक को शामिल किया गया है। शेष 221 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इन एसटीपी के ट्रीटेड वाटर का दुबारा उपयोग होगा।

यहां होगा सर्वाधिक पैसा खर्च

वेस्ट वाटर मैनेजमेंट: 6662.26 करोड़ रुपए
पेयजल आपूर्ति: 5246.17 करोड़ रुपए
शहरों में परिवहन सुधार: 2021.75 करोड़ रुपए
कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट: 870 करोड़ रुपए
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, हैरिटेज व पर्यटन कार्य: 701.05 करोड़ रुपए
ठोस कचरा प्रबंधन: 650.19 करोड़ रुपए
बाढ़ प्रबंधन के कार्य: 500.22 करोड़ रुपए

इन पर भी सरकार का फोकस

1- ठोस कचरा प्रबंधन: जयपुर, जोधपुर, कोटा और भरतपुर और 28 सैटेलाइट टाउन में ठोस कचरा प्रबंधन पर काम होगा। कचरे के पहाड़ हटाए जाएंगे। शहर के बीचों बीच बने ट्रांसफर स्टेशन बेहतर किए जाएंगे।

2- परिवहन सुधार: राज्य के सात संभागीय मुख्यालय में रिमॉडलिंग ऑफ रोड्स, इंटरसेक्शन इम्प्रूवमेंट, नॉन मोटराइज्ड ट्रैफिक सोल्यूशन्स से लेकर पार्किंग स्थलों का विकास होगा।