
Dictatorial Gehlot Government : राठौड़ और पूनियां बोले लाठी के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है सरकार-राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि शहीद स्मारक पर ढाई महीने से ज्यादा समय से नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत मदरसा पैराटीचर्स पर लाठीचार्ज की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। तानाशाही गहलोत सरकार लाठी के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र के पृष्ठ संख्या 15 (3) में संविदा कर्मियों, NRHM एवं NUHM कर्मियों, पैरा टीचर्स, उर्दू पैरा टीचर्स, लोक जुम्बिश कर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों, शिक्षा कर्मियों, विद्यार्थी मित्रों,पंचायत सहायकों सहित अन्य विभागों के कर्मियों के नियमितिकरण का वादा किया था वो आज तक अधूरा है। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में जंगलराज के 3 साल पूरे हो गए हैं लेकिन कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर साफ दिख रहा है। चुनाव के पहले कर्मचारियों को भ्रमित कर सत्ता हासिल करने वाली अशोक गहलोत सरकार सभी वादों से यू-टर्न ले रही है जिसमें नियमितिकरण का वादा प्रमुख है। राज्य सरकार अब वादा पूरा करने की बजाय नियमितिकरण पर सरकारी लाठियां भांज रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको बता दें कि पैराटीचर्स लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को आज तक पूरा नहीं किया है। उधर अन्य बेरोजगार युवा भी अपनी मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं।
पूनियां ने भी बोला जुबानी हमला
पूनियां ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के घोषणापत्र में पैराटीचर्स की सभी मांगें पूरी करने का वादा किया था। अब वह अपना हक मांग रहे हैं तो जयपुर में लाठीचार्ज करवा दिया। ये है राज्य सरकार का युवा और किसान विरोधी चेहरा। 2023 में राजस्थान के नौजवान अपने शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी का हिसाब मांगेंगे।
Published on:
31 Dec 2021 08:17 am
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