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अलग—अलग जाति, विवाह मंडप एक

विवाह मंडप में बरसेगी सामाजिक समरसता, सेवा भारती का अनूठा आयोजन , 14 जगह होंगे सामूहिक विवाह

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Akshay Tritiya's aboojh muhurta.

जयपुर/
अलग—अलग जाति,लेकिन एक मंडप में विवाह के सात फेरे। सर्व समाज के लोग बनेंगे विवाह के साक्षी। सामाजिक समरसता का कुछ इसी प्रकार का नजारा होगा, सेवा भारती की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह का। प्रदेश में 29 अप्रेल से 20 मई तक अलग—अलग स्थानों पर सामूहिक विवाह होंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठन सेवा भारती समिति की ओर से सामाजिक समरसता का तानाबाना बुना जा रहा है। इसी कड़ी में सर्व समाज की के परिवारों की कन्याओं का ‘सामूहिक विवाह’ कराया जाएगा। सेवा भारती समिती अप्रैल एवं मई में 14 स्थानों पर ऐसे अनूठे आयोजन करेगी। इस कड़ी में 24 अप्रेल को अंबाबाड़ी जयपुर के आदर्श विद्या मंदिर में सामूहिक विवाह हो चुका है।

कब कहां होंगे विवाह ..
जानकारी के अनुसार सेवा भारती समिति की ओर से 29 अप्रेल को अजमेर , झालावाड़,भवानीमंडी में, 30 अप्रेल को करणसर (जयपुर) व रावतभाटा में आयोजन किए जाएंगे। इसी तरह 6 मई को बारां , 8 मई को दैई(बूंदी),11 मई को खातोली (कोटा) तथा 20 मई को भीलवाड़ा में सामाजिक समरसता की मिसाल कायम की जाएगी।

नाममात्र की राशि,जीवनभर का बंधन ..

सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले परिवारों को कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना होता है। वहीं विवाह के लिए नाम मात्र की राशि विवाह समिति में जमा करानी होती है।

समिति देती है उपहार ...

समिति की ओर से विवाह के समय वर—वधु को बेड़ सेट, दुल्हन का बेस,गहने, बर्तन सेट, पंखा व टीवी आदि सामग्री दी जाती है। वहीं आयोजन में शामिल होने के लिए वध—वधू के 30—30 व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं। समिति की ओर से इनके भोजन आदि की व्यवस्था भी होती है।

विविधता में एकता भी —
अलग—अलग जाति के इस सामूहिक विवाह आयोजन में विविधता में एकता की झलक दिखाई देती है। आयोजन में समाज के अलग—अलग तबके और श्रेणी के लोग शामिल होते हैं। कई लोग परिवार सहित आयोजन में शामिल होकर कार्यकरते हैं। कई लोग परिवार सहित आयोजन में शामिल होकर कार्यकरते हैं। इसके अलावा विवाह के लिए खुले रूप से सहयोग देते हैं।