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जिला प्रशासन कर रहा राजस्थान हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना, प्रार्थी ने दी आत्मदाह की चेतावनी

जयपुर। जयपुर जिले की दूदू तहसील के हटुपुरा गांव में 555 बीघा गोचर भूमि है। इस जमीन पर गांव के रसूखदार लोगों ने अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि राजस्थान हाई कोर्ट के 2017 में अतिक्रमण हटाने के आदेश देने के बाद भी जिला प्रशासन अब तक गोचर भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा पाया है और खुले आम हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है।

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जिला प्रशासन कर रहा राजस्थान हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना, प्रार्थी ने दी आत्मदाह की चेतावनी

जिला प्रशासन कर रहा राजस्थान हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना, प्रार्थी ने दी आत्मदाह की चेतावनी

जयपुर। जयपुर जिले की दूदू तहसील के हटुपुरा गांव में 555 बीघा गोचर भूमि है। इस जमीन पर गांव के रसूखदार लोगों ने अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि राजस्थान हाई कोर्ट के 2017 में अतिक्रमण हटाने के आदेश देने के बाद भी जिला प्रशासन अब तक गोचर भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा पाया है और खुले आम हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है।
दरअसल जयपुर जिले के दूदू तहसील के गांव हटुपुरा में 555 बीघा गोचर भूमि पर रसूखदारों ने काफी सालों से अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रार्थी ज्ञान प्रकाश कटारिया ने 2015 में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और इस याचिका के संबंध में राजस्थान हाई कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2017 को अतिक्रमण हटाकर राजस्थान उच्च न्यायालय को सूचित करने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रशासन अतिक्रमण हटाने में नाकाम रहा। इसके बाद प्रार्थी की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई और राजस्थान हाई कोर्ट ने 10 नवंबर 2021 को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया और इस संबंध में हाईकोर्ट को सूचित करने के आदेश भी दिए गए। मामले को लेकर जयपुर जिला कलेक्टर ने 27 अप्रैल 2022 को दूदू तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के बाबत अधिसूचना जारी कर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दूदू को पर्याप्त जाप्ता उपलब्ध कराने के संबंध में पत्र भी लिखा,बलेकिन अभी तक तक गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। एक बार फिर 18 मई 2022 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को अतिक्रमण हटाने को लेकर पत्र लिखा गया लेकिन जाप्ता उपलब्ध नहीं होने से अतिक्रमण नहीं हट पाया है। ग्रामीणों ने गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर उपखंड अधिकारी दूदू को भी कई बार कहा गया। प्रार्थी की ओर से आरोप लगाया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। ज्ञान प्रकाश कटारिया ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की तो वे आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।