जयपुर.
सडक़ों पर जहां वाहनों को भार बढऩे के साथ ही चालकों की लापरवाहियां भी बढ़ती जा रही हैं। पिछले दिनों तीन दिन के भीतर हुए दो बड़े सडक़ हादसों के बाद टै्रफिक रूल्स पर गौर करने की जरूरत है। इसमें सडक़ों पर गाड़ी दौड़ा रहे चालकों की मनोस्थति काफी निर्भर करती है। मनोचिकित्सक के मुताबिक सडक़ों पर दौड़ रहे साइको राइडर्स इन हादसों की बड़ी वजह बनते हैं। कुछ किशोर और युवा सडक़ों पर गाड़ी चलाने में सबसे ज्यादा लापरवाही करते हैं।
कुछ स्टंट करने के लिए तो कुछ पैशन के कारण राइडिंग में लापरवाही करते हैं, जो कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। इसके अलावा नशे या तनाव में गाड़ी चलाने से भी हादसे होते हैं। इसलिए गाड़ी चलाते वक्त मन को शांत और दिमाग को स्थिर रखें। कोई जल्दबाजी नहीं करें। कई बार ऑफिस या कहीं अन्य स्थान पर देरी होने पर समय बचाने के चक्कर में गाड़ी को तेज दौड़ातें है, जबकि ये कई बार हादसों का कारण बनता है और जानलेवा भी साबित होता है।