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प्रदेश भर में हाहाकार! एसएमएस अस्पताल में हालात खराब, इमरजेंसी में लावारिस पड़े रहे मरीज

आज से मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट्स भी कार्य बहिष्कार पर...

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जयपुर

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Dinesh Saini

Dec 18, 2017

SMS Hospital

जयपुर। सरकार और सेवारत चिकित्सकों के बीच चल रही खींचतान ने प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को भयावह हालात में पहुंचा दिया है। अस्पतालों में सेवारत चिकित्सक नहीं हैं, मेडिकल कॉलेजों में रेजीडेंट्स नहीं हैं, इससे प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। आज प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक में मरीजों को इलाज नहीं मिला। मरीज इलाज के लिए अस्पतालों में धक्के खाते रहे। सरकार रेसमा के तहत सेवारत चिकित्सकों को गिरफ्तार कर रही है। मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गए हैं।

बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए
जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों के रेजीडेंट आज सुबह से ही कार्य बहिष्कार पर चले गए। इन अस्पतालों में वैकल्पिक इंतजाम कुछ ही देर में धराशायी हो गए। अस्पतालों की इमरजेंसी से लेकर आउटडोर तक में अफरातफरी मची रही। वहीं एसएमएस अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने सभी विभागों के अध्यक्षों की आपात बैठक बुलाकर वैकल्पिक इंतजामों की समीक्षा की। उधर कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए हैं।

धन्वंतरि आउटडोर में इलाज के लिए भटके मरीज
सेवारत चिकित्सकों के साथ ही प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट के कार्य बहिष्कार पर चले जाने के कारण मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गईं। रेजीडेंट के कार्य बहिष्कार का सबसे ज्यादा असर एसएमएस अस्पताल में दिखा। यहां इमरजेंसी से लेकर आउटडोर तक व्यवस्थाएं आज सुबह ही धराशायी हो गईं। इमरजेंसी में हादसों में घायल होकर आने वाले मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं था, वहीं धन्वंतरि आउटडोर में इलाज के लिए मरीज भटकते दिखे।

मौतों का सिलसिला शुरू
उधर सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने से मौतों का सिलसिला शुरू हो गया है। करौली जिले में इलाज नहीं मिलने पर रविवार को दो मरीजों की मौत हो गई। बहिष्कार से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पतालों तक में मरीज इलाज के लिए भटकते रहे।