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जयपुर के डॉ. माथुर ने 67 पैंथर की बचाई जान, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ डॉ. अरविंद माथुर का नाम, 67 लेपर्ड का कर चुके हैं सफल रेस्क्यू ऑपरेशन, तीन नवजात शावकों का भी किया पालन

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dr arvind mathur

जयपुर के डॉ. माथुर ने 67 पैंथर की बचाई जान, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

जयपुर. देश में सर्वाधिक लेपर्ड रेस्क्यू एवं रिहैबिलिटेशन करने के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीव चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद माथुर का लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। डॉ. माथुर वर्ष 2008-21 तक राज्य के 14 जिलों में 59 लेपर्ड का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन कर चुके हैं। इससे पहले इनका नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में भी दर्ज हो चुका है। ये अब तक 67 लेपर्ड का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन कर चुके हैं।

'शिवा' को मिला नया जीवन
रायसर के जंगल में शावक 'शिवा' मां से बिछड़ गया था। वह काफी कमजोर था और बीमार था, इसलिए उसे वन विभाग के कर्मचारी नाहरगढ़ जैविक उद्यान ले आए। यहां उसे अमरीका से स्पेशल दूध मंगवाकर पिलाया गया और उसे चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने नया जीवनदान दिया। शिवा सहित डॉ. माथुर अब तक तीन नवजात लेपर्ड शावकों का पालन भी कर चुके हैं।

पैंथर को मिर्गी के दौरे...अब ठीक
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में अचरोल से लाए नर पैंथर में न्यूरोलोजिकल डिसऑर्डर विद हाइपोथर्मिया नामक रोग पाया गया था। यह पहला ही केस था, जो मिर्गी से ग्रस्त था, उसे दौरे आते थे। वो अब ठीक है। इसी प्रकार भालू के मुंह के ट्यूमर की सर्जरी की गई थी। इसका शोध पत्र भी प्रकाशित हुआ था।



प्रदेश का अपनी तरह का पहला अस्पताल
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में प्रदेश का एकमात्र वन्यप्राणी अस्पताल है, जहां बाघ, पैंथर, शेर समेत कई वन्यजीवों के गंभीर रोगों का उपचार किया जाता है। ज्यादातर वन्यजीवों को ठीक होने के बाद यहां कैद करने की बजाय वापस जंगल में छोड़ा जाता है।