
जयपुर। भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी शनिवार को जलझूलनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर शहरभर के ठाकुर जी के मंदिरों में पंचामृत अभिषेक के साथ धार्मिक आयोजन होंगे। शास्त्रानुसार इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा के दौरान करवट बदलेंगे। हर राशि के जातकों को विष्णु सहस्त्रनाम का जाप एवं भगवान वामन की कथा सुनना लाभदायक रहेगा। वामन, जलझूलनी, परिवर्तनी, पदमा एकादशी, डोल ग्यारस और जयंती एकादशी के नाम से भी इस दिन को जाना जाता है। भगवान विष्णु के वामन अवतार पूजा के साथ स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है।
ऑनलाइन दर्शन की सुविधा
गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश मंदिर में भरने वाला मेला इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नहीं भरेगा। हनुमान दास ने बताया कि हर वर्ष भगवान जगन्नाथ को पालकी में विराजमान कर सरोवर में जल यात्रा नौका विहार के लिए लाया जाता था। इस बार ऐसा नहीं होगा। मंदिर परिसर में ही नित्य पूजा कर रस्म निभाई जाएगी। भक्तों से ऑनलाइन दर्शन करने की अपील की है।
यहां भी होंगे कार्यक्रम
गोविंद देव जी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्रीजी को नटवर वेश और विशेष शृंगार धारण करवाया जाएगा। ग्वाल झांकी के बाद सालगराम जी को खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण-पश्चिम कोने पर ले जाया जाएगा। साथ ही वामन जयंती पर्व मनाया जाएगा। शहर के अन्य मंदिरों में भी कार्यक्रम होंगे।
Published on:
28 Aug 2020 06:00 pm
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