mineral blocks: कंपोजिट लाइसेंस के तहत होगी खनिज ब्लॉकोें की ई-नीलामी
राज्य में प्रधान खनिज ( mineral ) के दस ब्लॉकों की कंपोजिट लाइसेंस ( composite license ) के तहत ई-नीलामी की जाएगी। इन दस ब्लॉकों में छह बेस मेटल ( base metals ), दो टंगस्टन ( tungsten ), एक पोटाष ( potash ), एक निक्कल ( nickel ) के ब्लॉक तैयार किए जा रहे हैं। कंपोजिट लाइसेंस से लाइसेंस धारक प्रोस्पेक्टिव एवं खनन दोनों कार्य कर सकेगा।
mineral blocks: कंपोजिट लाइसेंस के तहत होगी खनिज ब्लॉकोें की ई-नीलामी
राज्य में प्रधान खनिज के दस ब्लॉकों की कंपोजिट लाइसेंस के तहत ई-नीलामी की जाएगी। इन दस ब्लॉकों में छह बेस मेटल, दो टंगस्टन, एक पोटाष, एक निक्कल के ब्लॉक तैयार किए जा रहे हैं। कंपोजिट लाइसेंस से लाइसेंस धारक प्रोस्पेक्टिव एवं खनन दोनों कार्य कर सकेगा। पहले विभाग द्वारा प्रोस्पेक्टिव लाइसेंस जारी किए जाते रहे हैं और उसकी रिपोर्ट के आधार पर मिनरल की उपलब्धता को देखते हुए प्लॉट तैयार कर नीलाम किए जाते थे, जिसमें लंबा समय लगता था। अब मिनरल संभावित क्षेत्र में खोज व खनन का ई.नीलामी के माध्यम से संयुक्त लाइसेंस जारी होने से खनन कार्य भी समय पर आरंभ हो सकेगा और राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होने लगेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम और पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर यह प्लाट्स कंपोजिट लाइसेंस के लिए तैयार किए जा रहे हैं। राज्य में प्रमुख रुप से लेड-जिंक, सिल्वर, वोलेस्टोनाईट, रॉक फास्फेट, कॉपर, लाइमस्टोन, आयारन ऑर, पोटाष और टंगस्टन मेजर मिनरल है। पिछले तीन साल में राज्य में लाइमस्टोन के दस ब्लाकों की सफल नीलामी की गई है, वहीं दो ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया जारी है। मेजर मिनरल्स के साथ ही अप्रधान खनिजों की नीलामी में भी तेजी लाई गई है और इसी का परिणाम है कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 6391 करोड़ 23 लाख का रेकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है।