
जयपुर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आदिवासियों के डीएनए टेस्ट को लेकर दिए गए बयान पर अब खुद ही खेद प्रकट किया है। लेकिन वहीं अब भी उनके इस्तीफे की मांग बरकरार है। ऐसा पूरी तरह नहीं कह सकते है कि मदन दिलावर को लेकर चल रहा ये विरोध अब विधानसभा में पूरी तरह खत्म हो गया है। दरअसल गुरुवार को विधानसभा का बजट से शुरू होते ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया, इसके बाद विपक्ष ने अपने विरोध को वापस ले लिया।
बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने पत्रकारों से कहा कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पार्टी के दबाव में खेद प्रकट किया है। हमारी मांग दिलावर के शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफे की है। वह बरकरार रहेगी।
आदिवासियों को लेकर दिए बयान के बाद विपक्ष के निशाने पर रहे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में खेद प्रकट कर दिया। दिलावर ने कहा कि आदिवासी हिंदू समाज का श्रेष्ठ अंग है। इनके बारे में किसी तरह की नकारात्मक बात मैं मन में नहीं रखता। मेरे बोलने से विपक्ष को या मेरे आदिवासी भाइयों को कोई कष्ट हुआ तो मैं खेद प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं खुद आदिवासी समाज से हूं। इससे पहले दिलावर बोलने के लिए खड़े हुए तो हंगामा शुरू हो गया, लेकिन विस अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि मैंने व्यवस्था दी है। ये बोलेंगे, आपको नहीं सुनना तो आप बाहर जा सकते हैं। इसके बाद दिलावर ने अपनी पूरी बात रखी। विस का सत्र जब से शुरू हुआ तब से दिलावर को विपक्ष के सदस्य बोलने नहीं दे रहे थे।
Updated on:
19 Jul 2024 08:36 am
Published on:
19 Jul 2024 08:35 am
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