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…तो तय हो गया, इस दिन करेंगे अल्लाह का शुक्रिया, ईद पर होंगे चांद के दीदार

...तो तय हो गया, इस दिन करेंगे अल्लाह का शुक्रिया, ईद पर होंगे चांद के दीदार

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जयपुर

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Rajesh

Jun 14, 2018

eid

बच्चे भी रोजा रख कर रहे इबादत

जयपुर
ईद का त्यौहार चांद दिखने के साथ ही मनाया जाता है। रमजान मुबारक महीने के आखिरी रोजे के दिन चांद दिखने के साथ ही ईद का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार रमजान का महीना 17 मई से शुरू हुआ था। ऐसे में ईद उल फितर का त्यौहार 15 या 16 जून को मनाया जा सकता है। राजधानी जयपुर में पहला रमजान 18 मई को रखा गया था। ऐसे में इस बार ईद के चांद को लेकर असंमजस की स्थिति बन गई है। कैलेंड़र में ईद का पर्व 15 जून को बताया गया है। यदि ईद का पर्व 15 जून को मनाया जाएगा तो राजधानी में रोजे की संख्या 28 रह जाएगी। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि ईद का चांद 15 जून को भी दिख सकता है। यदि चांद शुक्रवार को दिखता है तो ईद शनिवार को मनाई जाएगी।


बड़ी खुशी से मनाई जाती है ईद उल फितर

प्रदेश में ईद उल फितर का त्यौहार बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहते है। क्योंकि इस दिन सेवइयां और खीर बनाई जाती है। जिसे मुस्लिम भाई पूरे दिन खुशी से खाते है। मुस्लिम ईद के दिन रिश्तेदार और परिचित लोगों को बुलाकर खीर व सेवइयां खिलाते है। मस्जिदों और ईदगाहों में मुस्लिम समाज के लोग ईद की नमाज अदा करते है और उसके बाद एक—दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते है। रमजान के महीने में रोजेदारों ने पूरे महीने के रमजान रखने और इबादत करने की खुशी मेंं ईद का त्यौहार मनाया जाता है। माहे रमजान में मुस्लिम समाज के लोग फितरा और सदका देकर गरीबो की मदद करते है। ईद के दिन जो नमाज पढी जाती है,वह रोजेदारों का अल्लाह को शुक्रिया होता है कि उन्हें अल्लाह ने रोजा रखने की तौफिक अता फरमाई। ईद अल्लाह के द्वारा उसके बंदो को दिया हुआ तोहफा होता है क्योंकि बंदो ने रमजान के महीने में रोजे रखे और अल्लाह की इबादत की।

ईद का त्यौहार रमजान के आखिरी रोजे के दिन चांद दिखने के साथ मनाया जाता है। मुस्लिम लोग रमजान के महीने में ही ईद की तैयारी शुरू कर देते है। रमजान के आखिरी अरसे से ही तैयारी करना शुरू कर देते है। ईद के दिन नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते है,और एक—दूसरे को गले लगाकर सब गिले शिकवे दूर करके ईद की मुबारकबाद देते है।


बरकतों वाला महीना होता है रमजान

रमजान का महीना मुबारक वाला होता है। क्योंकि इस महीने में मुसलमान भाई पूरे महीने के राजा रखते है, कुरान की तिलावत करते है, तरावीह पढते है और साथ में नेकी कमाते है। रमजान माह में मुस्लिम लोग गरीबों की मदद करते है। इस महीने मुसलमान भाई जकात,सदका और फितरा अदा करके मदद करते है।

माहे रमजान में एक रात बरकतों वाली रात होती है। उस रात को शबे क़द्र की रात कहते है। यह रमजान महीने की 27 वीं रात होती है। मुस्लिम मजहब में इस रात की इबादत को हजारों रात की इबादत से बेहतर माना जाता है। शबे क़द्र की रात की फजीलत को कुरान और हदीसों में बयान किया गया है।


इस रात को अल्लाह तआला ने अपने बंदों की रहनुमाई के लिए इसी रात में कुरआन शरीफ को आसमान से जमीन पर उतारा था। इस रात में की जाने वाली इबादत और अच्छे आमाल हजारों महीने में किए गए अच्छे आमालों के बराबर है। इस रात को अल्लाह के आदेश से जमीन पर फरिश्ते और जिब्रईल आकाश से उतरते है। अल्लाह तआला की रहमतें, अल्लाह की क्षमा ले कर उतरते हैं। इस से भी इस रात की महत्वपूर्णता मालूम होती है।


ईद का त्यौहार अल्लाह की तरफ से उसके बंदो को तोहफा होता है। ईद की तैयारी मुसलमान भार्इ् अच्छे तरह से करते है। मुस्लिम क्षेत्रों में ईद को लेकर चहल—पहल देखी जा सकती है। राजधानी के रामगंज बाजार में रात भर खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में दुकानदार अपनी दुकानों को देर रात तक खोले रहते है। ईद को लेकर मुस्लिम क्षेत्रों में रोशनी भी की जाती है। राजधानी जयपुर की जामा मस्जिद में हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई ईद की नमाज अदा करेंगे।