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देश के अन्य राज्यों से बेहतर हमारे बुजुर्गों के हालात, लेकिन बढ़ते अपराध बढ़ा रहे चिंता, देश के बारह राज्यों से बेहतर स्थिति में हैं राजस्थान के बुजुर्ग

हाल ही में बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा भी कराई जा रही है।

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cm ashok gahlot in bhilwara

cm ashok gahlot in bhilwara

जयपुर
आज 15 जून यानि विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस है। राजस्थान में बुजुर्गों के हालात पर बात करने का दिन है। राजस्थान के सीनियर सिटीजन के हालातों की बात की जाए तो हम आधी आधी स्थिति में हैं। यानि देश के करीब चालीस फीसदी राज्यों से हमारे बुजुर्गों के हालात बेहतर हैं लेकिन अभी भी देश के करीब पंद्रह राज्यों की तुलना में हालात खराब है। राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस के द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाएं भी इसका बड़ा कारण हैं। कुछ समय पहले राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो ने इससे संबधित रिकॉर्डस जारी किए थे। अच्छी बात ये है कि पिछले कुछ सालों में राजस्थान में बुजुर्गों की हालत लगातार सुधर रही है।

बुजुर्गों से अपराध और दुर्रव्यवहार के 365 केस दर्ज हुए हैं प्रदेश में एक साल के दौरान
राजस्थान में साठ साल के बुजुर्गों की संख्या लाखों में है। लेकिन अच्छी बात ये है कि उनके साथ होने वाले अपराधों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर हैं। साल 2021 में राजस्थान में सीनियर सिटीजन के साथ होने वाले अपराधों की संख्या सिर्फ 365 रही, यानि औसतन हर साल एक। इसके इतर महाराष्ट्र राज्य मे यह संख्या 6190 और एमपी में 5273 रही। तेलांगना, तमिलनाडु, केरल, आंधप्रदेश, हरियाणा, यूपी जैसे राज्य राजस्थान से कहीं आगे रहे अपराध के मामलों में। सबसे ज्यादा हालात अन्य राज्यों की तुलना में बेहद छोटे तेलागंना राज्य के रहे हैं। प्रदेश में एक साल के दौरान दस बुजुर्गों की हत्या की गई है। दो के उपर हत्या का प्रयास किया गया है। बुजुर्गों से मारपीट और गंभीर मारपीट के 36 केस सामने आए हैं। रेप के चार केस दर्ज किए गए हैं। चोरी और लूट के करीब बीस केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा ठगी, चीटिंग और अन्य अपराधों के करीब 120 केस दर्ज किए गए हैं।

राजस्थान में सरकार और पुलिस ने अलग अलग रखा है बुजुर्गों का ख्याल
राजस्थान पुलिस ने सिटीजन एप जारी कर रखा है। इस एप के अनुसार कोई भी बुजुर्ग जो एकांकी जीवन जी रहे हैं वे लोकल थाने के लोकल पुलिसकर्मी का नंबर ले सकते हैं और अपने डेली के जरूरी कामों के लिए पुलिस की सेवा ले सकते हैं। करीब दस साल पहले इस एप की शुरुआत की गई थी और प्रदेश भर में करीब पांच हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने इससे फायदा उठाया है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी बुजुर्गों की देखभाल के लिए कई योजनाएं जारी कर रखी हैं। हाल ही में बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा भी कराई जा रही है।