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त्रिपुरा, नागालैंड व मेघालय में चुनाव का ऐलान, इस साल 10 राज्यों में होना है घमासान

Elections In 2023: साल 2023 में 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव के ऐलान के साथ ही चुनावी रणभेरी बज चुकी है

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जयपुर

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Hiren Joshi

Jan 19, 2023

Elections In India: Year 2023 Will Be Full Of Elections In States

त्रिपुरा, नागालैंड व मेघालय में चुनाव का ऐलान, इस साल 10 राज्यों में होना है घमासान

पूर्वोत्तर के तीन राज्य त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में बुधवार को विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया। इस साल 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव होंगे। इसके बाद लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजेगी-

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों की खुमारी अभी उतरी भी नहीं है कि चुनाव आयोग ने पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही इन राज्यों में फरवरी के अंत तक चुनावी संग्राम नजर आएगा।

मई में कर्नाटक में सत्ता के लिए संघर्ष होगा। जम्मू-कश्मीर में अप्रेल से जून के बीच सियासी घमासान तय है, वहीं तेलंगाना और मिजोरम में भी साल के अंत में पाले खिंचेंगे। साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी साल के अंत तक चुनावी बिगुल बज जाएगा। सीधे शब्दों में समझे तो अब से आने वाले 15 महीने राजनीतिक सरगर्मी के रहने वाले हैं।

इस साल 10 राज्यों में आने वाली 122 लोकसभा सीटों में अभी भाजपा के पास 95 तो कांग्रेस के पास 8 सीटें ही हैं। इस साल के नतीजों में सबसे पहले पूर्वोत्तर के 3 राज्य हैं। त्रिपुरा में भाजपा तो बाकी दोनों राज्यों में अन्य दलों की सरकारें हैं। मई में कर्नाटक में होने वाला चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण रहने वाला है। कर्नाटक में पिछले चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस- जेडी(एस) ने मिलकर सरकार बनाई थी। वहां बीच में एक 'नाटक' भी चला। 24 साल बाद कांग्रेस में गांधी परिवार के बाहर से अध्यक्ष बना है। मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से ही आते है। यहां कांग्रेस की जीत एक राज्य की सत्ता से अलग मायने लेकर आने वाली होगी। गुजरात की अपार जीत के बीच हिमाचल प्रदेश की हार भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है। ऐसे में कर्नाटक में जो जीता, मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त बना लेगा।

इन चुनावों के नतीजे कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति के साथ गांधी परिवार के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण करने में सहायक होंगे। वहीं गुजरात चुनाव से निराश आम आदमी पार्टी के लिए भी इन 10 राज्यों में बिसात बिछाना कड़ी परीक्षा की तरह होगा। तेलंगाना में भाजपा-कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है, पर पाने के लिए बहुत कुछ।