
Demand for student union elections at Rajasthan University (Photo: Patrika)
जयपुर. राजस्थान के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन के साथ ही छात्रसंघ चुनाव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। इस बार भी चुनाव होंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। लेकिन प्रवेश के दौरान कॉलेज-यूनिवर्सिटी में छात्रों से छात्रसंघ चुनाव का शुुल्क लिया जा रहा है। राजस्थान के 665 सरकारी कॉलेज और 13 स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों से इस बार भी छात्रसंघ चुनाव के शुल्क की वसूली की जा रही है। अगर चुनाव को लेकर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो पिछले दो सत्र की तरह इस बार भी चुनावी शुल्क तो लिया जाएगा लेकिन उसे फिर रिफंड भी नहीं किया जाएगा।
राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित राज्य की स्टेट यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में छात्रों से प्रवेश के दौरान 50 रुपए से 100 रुपए तक की वसूली की जाती है। इस हिसाब से पूरे राजस्थान में करोड़ों के शुल्क की वसूली छात्रसंघ चुनाव के नाम पर की जा रही हैै। यह शुल्क एक सत्र का है। पिछले दो सत्रों में भी इसी तरह से वसूली की गई। लेकिन चुनाव नहीं होने पर भी शुुल्क नहीं लौटाया गया।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विकास समिति की ओर से संस्था के हर तरह के शुल्क निर्धारित किए जाते हैं। इसमें छात्रसंघ चुनाव सहित पार्किंग, लाइब्रेरी और अन्य शुल्क भी शामिल होते हैं। समिति की बैठक पहले ही कर ली जाती है और निर्णय ले लिए जाते हैं।
छात्र नेता शुभम रेवाड़ का कहना है कि यूनिवर्सिटी इस शुल्क का उपयोग छात्रसंघ चुनाव में होने वाले खर्चे में शामिल करती है। लेकिन चुनाव नहीं होने पर इसका उपयोग दूसरे मदों में कर लिया जाता है। राजस्थान यूनिवर्सिटी की बात करें तो 25 हजार से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, इनसे 100 रुपए शुल्क वसूल लिया गया।
सरकार छात्रसंघ चुनाव कराए। छात्रसंघ चुनाव नहीं हो रहे हैं तो यूनिवर्सिटी और कॉलेज चुनाव के नाम पर शुल्क लेना बंद करें और अगर ले लिया है तो संस्थाओं को चुनाव नहीं होने पर लौटाना चाहिए।
डॉ. बनय सिंह, महामंत्री रूक्टा
विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए छात्रसंघ चुनाव बहुत जरूरी है। छात्रसंघ चुनाव करवाने की फीस एडमिशन के समय छात्र से ली जा रही है इसलिए छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए।
Published on:
17 Jul 2025 08:30 am
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