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राजस्थान में बिजली की बढ़ी डिमांड से छूटे अफसरों के पसीने, अब भजनलाल सरकार बना रही ये प्लान

Electricity demand in Rajasthan : पिछले पन्द्रह दिन में 300 लाख यूनिट बिजली की मांग बढ़ गई और अगले एक से डेढ़ माह में 3500 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। इसके बाद डिस्कॉम्स और ऊर्जा विकास निगम की नींद उड़ी हुई है।

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Electricity demand in Rajasthan : राजस्थान में गर्मी की बढ़ती तपिश के बीच बिजली की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। जिससे अधिकारियों के भी पसीन छूट गए है। ऐसे में अब भजनलाल सरकार इस टेंशन को दूर करने के लिए प्लान बना रहा है। पिछले पन्द्रह दिन में 300 लाख यूनिट बिजली की मांग बढ़ गई और अगले एक से डेढ़ माह में 3500 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। इसके बाद डिस्कॉम्स और ऊर्जा विकास निगम की नींद उड़ी हुई है। निगम अधिकारियों ने दूसरे राज्यों से बैंकिंग के जरिए बिजली लेने से लेकर शॉर्ट टर्म बिड से खरीदने तक की प्लानिंग पर काम तेज कर दिया है।

जरूरत पड़ने पर उधार की बिजली लेने के लिए उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु के ऊर्जा विभाग से बातचीत चल रही है। गंभीर यह है कि प्रदेश सौर ऊर्जा में सिरमौर है। यहां करीब 18000 मेगावाट क्षमता के प्लांट हैं, लेकिन प्रदेशवासियों को केवल 4500 मेगावाट ही मिल रही है।

8 प्रतिशत बढ़ी डिमांड

पिछले वर्ष के तुलना में इस साल 8 प्रतिशत बिजली खपत बढ़ने का आकलन किया गया है। इसमें घरेलू और औद्योगिक श्रेणी में ज्यादा डिमांड बढ़ेगी। वहीं, कॉमर्शियल श्रेणी कनेक्शन में भी बिजली खपत बढ़ी है।

एक पखवाड़े में बदली स्थिति

अप्रेल के दूसरे पखवाड़े में बिजली आपूर्ति 2613 लाख यूनिट रही, जबकि मई की शुरुआत में ही यह ग्राफ पहुंचा 2900 लाख यूनिट तक पहुंच गया। आगामी दिनों में बिजली डिमांड के पूर्वानुमान को देखते हुए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने लोड मैनेजमेंट की तैयारी शुरू कर दी है। खुद अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक ने इसकी कमान संभाली हुई है।

पिछले वर्ष यहां से ली बिजली

-उत्तरप्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों से 1500 मेगावाट बिजली ली गई।
-कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड से अनुबंधित 380 मेगावाट बिजली खरीद की।

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