
जयपुर। प्रदेश में 1 साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार भले ही कर्मचारी संगठनों की वेतन विसंगतियों को दूर करने का दावा कर उन्हें साधने का प्रयास कर रही हो लेकिन कर्मचारी संगठन वेतन विसंगतियों और नियमितीकरण को लेकर सरकार से अंदरखाने नाराज चल रहे हैं। कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को लेकर गठित खेमराज कमेटी ने जहां शुक्रवार रात अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप दी है।
रिपोर्ट मिलने के बाद अब सरकार का परीक्षण करवाकर कर्मचारियों के हितों को लेकर बड़े फैसले बजट में ले सकती है। वहीं दूसरी ओर खेमराज कमेटी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट को लेकर कर्मचारी संगठन अब सरकार के विरोध में उतर आए हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार को खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए जिससे कि पता चल सके कि कमेटी ने कर्मचारियों के हित में क्या-क्या फैसले लेने के सुझाव अपनी रिपोर्ट में दिए हैं।
2 साल से ठंडे बस्ते में सांवत कमेटी की रिपोर्ट
कर्मचारी संगठनों की माने तो पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय सावंत कमेटी का गठन किया गया था उसके बाद सरकार बदल गई थी और सांवत कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गहलोत सरकार को सौंप दी थी लेकिन 2 साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक भी सांवत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की बल्कि उसके स्थान पर खेमराज कमेटी का गठन कर दिया। अब खेमराज कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए रिपोर्ट सार्वजनिक करें।
कमेटियों की बजाए कर्मचारियों से सीधे वार्ता करे सरकार
अखिल राजस्थान कर्मचारी एकीकृत संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ का कहना है कि राज्य सरकार को कमेटियों के गठन के बजाए कर्मचारी संगठनों से सीधे वार्ता करनी चाहिए जिससे कि कर्मचारी संगठन सीधे अपनी-अपनी समस्याएं सरकार के सामने रख सकें लेकिन सरकार कमेटियों के गठन के जरिए कर्मचारियों के मामलों को लटकाना चाहती है और इसीलिए कमेटी का गठन कर दिया जाता है ।
पूर्व में कई बार वेतन विसंगतियों और नियमतिकरण की मांग को लेकर कर्मचारी संगठन कई बार गहलोत सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं, प्रदेश में कई बार बड़े आंदोलन भी हो चुके हैं। गौरतलब है कि साल 2021-22 के बजट में विभिन्न कर्मचारी और अधिकारी संगठनों की मांगों के अध्ययन और विस्तृत विश्लेषण के लिए सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था।
कमेटी ने इस मामले को लेकर अपनी अंतरिम रिपोर्ट शुक्रवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप दी थी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के 5 और अंतिम बजट में कर्मचारी वर्ग को साधने के लिए खेमराज कमेटी की सिफारिशों को बजट में लागू कर सकते हैं और कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं।
वीडियो देखेंः- CM Gehlot ने बुलाई Budget घोषणाओं की समीक्षा बैठक
Published on:
31 Dec 2022 11:25 am
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