अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने सामंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर कार्मिकों की विभिन्न लंबित मांगों का निराकरण किए जाने की मांग की है।
जयपुर,3 जुलाई। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने सामंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर कार्मिकों की विभिन्न लंबित मांगों का निराकरण किए जाने की मांग की है। महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में कर्मचारियों से वेतन विसंगतियों को दूर करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ। 3 नवंबर 2017 को डीसी सामंत की अध्यक्षता में वेतन विसंगति निवारण समिति का गठन हुआ, रिपोर्ट राज्य सरकार को 5 अगस्त 2019 को सौंप दी गई, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। 5 अगस्त 2021 को खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में वेतन विसंगति परीक्षण समिति के नाम से एक और कमेटी का गठन हुआ, कमेटी ने भी गत वर्ष दिसंबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी लेकिन उसे भी सार्वजनिक नहीं किया गया।
वहीं महासंघ (एकीकृत) के मुख्य महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने कहा कि महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की 21 सूत्रीय मांगपत्र पर 27 और 28 फरवरी को कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव और वित्त विभाग के अधिकारियों से हुई वार्ता में वित्तीय मांगों के अतिरिक्त अन्य मांगों के शीघ्र निराकरण करने पर सहमति बनी थी। आज तक किसी मांग का निराकरण नहीं हुआ।
यह है अन्य मुख्य मांगेंं
- चयनित वेतनमान एसीपी का परिलाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8,16,24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान दिया जाए।
- संविदा कर्मियों एवं यूटीबी सहित अन्य सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति दी जाए।
- तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानांतरण हो।
- अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोडे़ जाएं।
- मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ संवर्ग को स्टेशनरी भत्ता स्वीकृत किया जाए।
- अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग को सचिवालय कर्मियों के समान पदोन्नति और वेतन भत्ते दिए जाएं और द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 पर सुनिश्चित की जाए।
- निविदा एवं संविदा पर लगे कार्मिकों का न्यूनतम पारिश्रमिक 18000 तय किया जाए। ठेका और प्लेसमेंट एजेंसियों के मार्फत लगे कार्मिकों को आरएलएसडीसी के माध्यम से सीधे वेतन दिया जाए।
- एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारियों को उसमें समायोजित किया जाए और इनका प्रारंभिक वेतन18000 निर्धारित किया जाए।
- 2009-10 से पातेय वेतन पर पदस्थापित वरिष्ठ अध्यापक और प्रधानाध्यापक ग्रेड सेकंड को एडहॉक प्रमोशन की तारीख से नियमित पदोन्नति सुनिश्चित की जाए।
- राजस्थान परिवहन निगम को सरकार के विभाग के रूप में समाहित किया जाए।
- पेंशनरों को पेंशन वृद्धि का लाभ क्रमश: 65, 70,75 और 80 वर्ष पर 5- 5 फीसदी पेंशन वृद्धि दी जाए।