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कर्मचारियों ने खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की उठाई मांग

खेमराज कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट को अब सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन विसंगति को दूर करने के लिए खेमराज कमेटी का गठन किया गया था।

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कर्मचारियों ने खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की उठाई मांग

कर्मचारियों ने खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की उठाई मांग

जयपुर। खेमराज कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट को अब सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन विसंगति को दूर करने के लिए खेमराज कमेटी का गठन किया गया था। इसलिए कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों को यह पता लगे कि आखिर रिपोर्ट में क्या लिखा गया है। 30 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने के बावजूद अब तक सार्वजनिक नहीं करने पर कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि रिपोर्ट का जल्द खुलासा नहीं हुआ तो कर्मचारी उग्र विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

यह भी पढ़ें: खेमराज कमेटी ने सरकार को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट, कर्मचारी संगठनों की मांग, सार्वजनिक होनी चाहिए रिपोर्ट

विरोध की बनी रणनीति, सभी संभाग मुख्यालय पर होंगे प्रदर्शन

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक कराने की मांग को लेकर सभी संभागों में राज्य कर्मचारी धरने प्रदर्शन करेंगे। 11 जनवरी को उदयपुर संभाग, 18 जनवरी को बीकानेर संभाग, 23 जनवरी को भरतपुर संभाग, 2 फरवरी को जोधपुर संभाग, 8 फरवरी को अजमेर संभाग और 17 फरवरी को जयपुर संभाग पर राज्य कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन होगा।इस दौरान संबंधित संभागीय आयुक्तों को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।

भाजपा ने बनाई थी सामंत कमेटी और कांग्रेस ने बनाई खेमराज कमेटी

बता दें कि कर्मचारियों की वेतन कटौती 30 अक्टूबर, 2017 को की गई थी। उस समय भाजपा की सरकार ने वेतन 'विसंगति निवारण समिति' के नाम से सावंत कमेटी का गठन किया था। सामंत कमेटी का कार्यकाल 5 बार बढ़ाया गया। आखिरकार भाजपा की ओर से बनाई कमेटी ने 5 अगस्त, 2019 को कांग्रेस सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। लेकिन, अशोक गहलोत सरकार ने उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। दो साल बाद सरकार ने अगस्त, 2021 में खेमराज कमेटी का गठन किया। जिसे तीन माह में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन, यह कमेटी भी तय समय में अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई और इसका कार्यकाल तीन बार बढ़ाया गया। तय समय पर रिपोर्ट नहीं देने के कारण राज्यभर में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। आखिरकार, 30 दिसंबर को इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएम अशोक गहलोत को सौंप दी। लेकिन, सरकार ने उसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।