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पुलिस ने बिछाया जाल, फिर भी हत्यारे पकड़ से दूर

तीन अफसर और 300 पुलिसकर्मी जुटे

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तीन अफसर और 300 पुलिसकर्मी जुटे

पुलिस ने बिछाया जाल, फिर भी हत्यारे पकड़ से दूर

सीकर.

बेसवा रोड पर कोतवाल मुकेश कानूनगो और कांस्टेबल रामप्रकाश की हत्या को पांच दिन गुजर चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक अपराधियों का सुराग नहीं लगा पाई है। जबकि तीनों बदमाशों को खोजने के लिए तीन जिलों के करीब तीन सौ से अधिक पुलिसकर्मियों ने दिन-रात एक कर रखी है। पुलिस ने चारों तरफ जाल बिछा दिया है और अब पुलिस के आला अधिकारियों ने इंटरनेट सर्विस पर भी रोक लगा दी है। ताकि अपराधियों को घेरने में आसानी रहे और उनके सूचना तंत्र को पूरी तरह से खत्म कर उनको निपटाया जा सके।
जानकारी के अनुसार दोनों की हत्या के जिम्मेदार चार नामजद आरोपियों में से पुलिस ने एक बदमाश दिनेश उर्फ लारा को तो दूसरे ही दिन दबोच लिया था, लेकिन बाकी बचे तीन नामजद व अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बदमाशों का पीछा करते हुए पुलिस को पांच दिन गुजर चुके है। मुस्तैद नाकाबंदी के कारण वह शेखावाटी क्षेत्र से दूर भी नहीं निकले सके। लेकिन, फिर भी तीनों जिलों के अलावा बाहर की पुलिस टीम भी उनको पकडऩे में गच्चा खा रही है। जबकि २० टीमों के करीब दो सौ जवान उनकी मिल रही लोकेशन के पीछे दौड़ रहे हैं। गौरतलब है कि शनिवार की आधी रात बाद बेसवा रोड पर बदमाशों को पकडऩे गई पुलिस पर फायरिंग कर दी गई थी। घटना में कोतवाल व कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हो गई थी और हमलावर वारदात के बाद फरार हो गए थे। पुलिस रिपोर्ट में अजय चौधरी, जगदीप उर्फ धनकड़, ओमप्रकाश उर्फ ओपी व दिनेश उर्फ लारा को गोली चलाने में नामजद किया गया था।
एनकाउंटर की उड़ती रही अफवाह

मंगलवार रात पुलिस द्वारा इंटरनेट सेवा अचानक बंद करने के बाद अफवाह उड़ती रही कि फायरिंग के आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर जानकारी नहीं फैले। इसलिए पुलिस ने नेट सेवा को बंद करवा दिया है। इधर, वाट्सएप के कई ग्रुपों में भी अजय चौधरी के एनकाउंटर की सूचना पूरे दिन वायरल होती रही। कुछ ग्रुपों में नवलगढ़, बेरी व फतेहपुर कस्बे में स्थित गांव में फायरिंग होने की सूचना फैलती रही। हालांकि इस प्रकार की किसी भी घटना की पुष्टि नहीं की गई है और पुलिस के अधिकारी भी हर अफवाह को नकार रहे हैं

इसलिए इंटरनेट बंद

पुलिस अधिकारियों को आशंका थी कि वाट्सएेप के जरिए पुलिस कार्रवाई की सूचना बदमाशों तक पहुंच रही थी। इसलिए क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कराई गई। ताकि बदमाशों को भी सूचना प्राप्त करने के लिए बाहर निकलना पड़े।