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कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश में 11 मिलेट्स एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 3 करोड़ 37 लाख रुपए की अनुदान सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में रागी, कंगनी, सावां, चीना, कोदो तथा कुटकी के बीज उपलब्ध नहीं हैं। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में ही इन बीजों को विकसित करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद से बीज मंगाए गए हैं।
कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य की पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जनजाति क्षेत्र में 99 प्रतिशत बुआई मक्का की होती है। इस क्षेत्र में मिलेट्स का उपयोग कम किया जाता है। उन्होंने बताया कि राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के तहत मिलेट्स प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए किसी भी जिले से किसानों द्वारा आवेदन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मिलेट्स एवं अन्य खाद्य सामग्री की प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निजी कम्पनियों के 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 11 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 3 करोड़ 37 लाख रुपए की अनुदान सहायता दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी सदस्यों को मिलेट्स के संबंध में जानकारी देने वाली पुस्तिका भी दी जाएगी।
इससे पहले कृषि मंत्री ने विधायक कैलाश चन्द्र मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन की घोषणा की गई है। मिशन के अन्तर्गत लघु एवं सीमान्त किसानों को उन्नत किस्मों के नि:शुल्क बीज, सूक्ष्म पोषक तत्व एवं जैव कीटनाशी किट अनुदानित दर पर वितरण, मिलेट्स की प्रथम 100 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर अनुदान आदि प्रावधान किए हैं।
Published on:
17 Jul 2023 06:02 pm
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